19 जून 2025 फैक्टर रिकॉर्डर
International Desk: पीएम मोदी के कनाडा दौरे का असर: 24 घंटे में खालिस्तान पर कनाडा का बड़ा कबूलनामा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हालिया 23 घंटे का कनाडा दौरा भारत-कनाडा रिश्तों के लिहाज से निर्णायक साबित हो रहा है। जी-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे पीएम मोदी ने कनाडा के नए प्रधानमंत्री मार्क कार्नी से मुलाकात की, जहां दोनों नेताओं के बीच भारत-विरोधी गतिविधियों, खासकर खालिस्तान समर्थक नेटवर्क पर गंभीर बातचीत हुई।
पहली बार कनाडा ने मानी खालिस्तानी गतिविधियों की सच्चाई
पीएम मोदी की यात्रा के महज 24 घंटे बाद कनाडा की शीर्ष खुफिया एजेंसी CSIS (Canadian Security Intelligence Service) ने एक बड़ा बयान दिया। एजेंसी ने स्वीकार किया कि खालिस्तानी तत्व कनाडा की जमीन का उपयोग भारत को निशाना बनाने, हिंसा फैलाने, धन जुटाने और साजिश रचने के लिए कर रहे हैं। यह पहली बार है जब कनाडा ने आधिकारिक रूप से खालिस्तान समर्थक नेटवर्क को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा माना है।
भारत की लंबे समय से रही आपत्ति
भारत सरकार कई वर्षों से कनाडा में सक्रिय खालिस्तान समर्थकों पर आपत्ति जताती रही है। नई दिल्ली का आरोप रहा है कि कनाडा भारत विरोधी गतिविधियों का गढ़ बन चुका है। पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की सरकार ने इन आरोपों पर नजरअंदाज किया, लेकिन मार्क कार्नी के प्रधानमंत्री बनने के बाद स्थिति बदलती नजर आ रही है।
निज्जर ह*त्याकांड पर भी चर्चा
पीएम मोदी और कार्नी के बीच हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड को लेकर भी चर्चा हुई। कार्नी ने इस पर कहा, “हमने कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच सहयोग और अंतरराष्ट्रीय दमन को रोकने के महत्व पर बात की है।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि चूंकि मामला अदालत में लंबित है, इसलिए सतर्कता जरूरी है।
Project Pelican: खालिस्तानियों के खिलाफ एक्शन
कनाडा की एजेंसियों ने भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ Project Pelican नामक अभियान चलाया। इस अभियान के तहत एक बड़े ड्रग और आतंकी नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ, जिसमें खालिस्तान समर्थकों की संलिप्तता सामने आई। यह नेटवर्क अमेरिका-कनाडा के बीच ट्रकिंग रूट के जरिए नशीले पदार्थों की तस्करी करता था और इस पैसे से भारत विरोधी गतिविधियों को फंडिंग दी जाती थी।
रिश्तों में आ रहा सुधार
मार्क कार्नी के सत्ता में आने के बाद भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक रिश्तों में सुधार देखने को मिल रहा है। दोनों देशों ने हाई कमिश्नर्स की नियुक्ति और रुकी हुई व्यापार वार्ताओं को दोबारा शुरू करने पर सहमति जताई है। तकनीक, डिजिटल ट्रांजिशन, खाद्य सुरक्षा और खनिज संसाधनों के क्षेत्र में भी सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा हुई।
प्रधानमंत्री मोदी का यह कनाडा दौरा न सिर्फ द्विपक्षीय संबंधों में एक नया मोड़ ला रहा है, बल्कि भारत की लंबे समय से जताई गई सुरक्षा चिंताओं को भी अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गंभीरता से सुना जा रहा है।