प्रेस विज्ञप्ति
मंडी, हिमाचल प्रदेश – दिनांक: 17/06/2025 फैक्टर रिकॉर्डर Himachal Desk: जिला एंव सत्र न्यायाधीश मण्डी की अदालत ने दिनांक 16/6/2025 को एक महत्वपूर्ण फैसले में शेर सिंह, निवासी गांव शीहल डाकघर तल्याहड़, जिला मण्डी, हि0प्र0 को एक गंभीर हमले और हत्या के प्रयास के मामले में भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराया है और सजा के साथ साथ विभिन्न धाराओं में जुर्माने की सजा सुनाई है। यह मामला वर्ष 2014 में हुए एक हिंसक हमले से संबंधित है, जिसमें एक ही परिवार के तीन परिजनों को गंभीर चोटें आई थीं।
घटना की जानकारी देते हुए जिला न्यायवादी, विनोद भारद्वाज; जिन्होंने इस मामले की पैरवी की है, ने बताया कि दिनांक 21 मई 2014 को रात करीब 9:00 बजे, जब चम्पा देवी, उनके पति भीम सिंह, ससुर गोवर्धन सिंह तथा सास किरण देवी रात्रि भोजन के उपरांत अपने घर की बरामदे में विश्राम कर रहे थे। इसी दौरान आरोपी की पत्नी भावना देवी द्वारा गाली-गलौच की गई, जिसके बाद आरोपी शेर सिंह एक दराट (तेजधार हथियार) लेकर बरामदे में घुस आया और तीनों परिजनों पर बेरहमी से हमला कर दिया।
हमले में, भीम सिंह के सिर, कंधे और हाथों पर गंभीर चोटें आईं। गोवर्धन सिंह को सिर पर वार किया गया जब वे बीच-बचाव करने आए। चम्पा देवी के चेहरे के बाएं हिस्से पर वार किया गया। तीनों घायल अवस्था में थे और ZH मंडी अस्पताल में उपचार हेतु भर्ती कराए गए। घटना की सूचना पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए धारा 154 Cr.P.C. के अंतर्गत बयान दर्ज किया, घटनास्थल से रक्त के नमूने एकत्रित किए, तथा खून से सने कपड़े जब्त कर फॉरेंसिक जांच हेतु भेजे। साक्ष्यों और चिकित्सा रिपोर्ट के आधार पर माननीय न्यायालय ने आरोपी शेर सिंह को निम्नलिखित धाराओं के अंतर्गत दोषी करार दिया:
IPC धारा | अपराध | दंड |
307 | हत्या का प्रयास | 3 वर्ष कारावास + ₹10,000 जुर्माना |
326 | खतरनाक हथियार से गंभीर चोट | 2 वर्ष कारावास + ₹2,000 जुर्माना |
324 | खतरनाक हथियार से साधारण चोट | 1 वर्ष कारावास + ₹500 जुर्माना |
452 | घर में घुसकर चोट पहुँचाने का प्रयास | 6 माह कारावास + ₹500 जुर्माना |
504 | जानबूझकर अपमान | 3 माह कारावास + ₹500 जुर्माना |
201 | साक्ष्य नष्ट करना | 3 माह कारावास + ₹500 जुर्माना |
323 | स्वेच्छा से चोट पहुँचाना | 3 माह कारावास + ₹500 जुर्माना |
यह निर्णय समाज में कानून व्यवस्था बनाए रखने की दिशा में एक सशक्त संदेश देता है कि घरेलू हिंसा, अवैध प्रवेश एवं हिंसक आचरण को किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।