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चुनाव में भीड़ जुटाने के लिए प्रति व्यक्ति 400 और 500 रुपए देने पड़ रहे अपने ही जाल में फंस गए आप नेता

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नगर निगम के चुनाव दौरान माहौल पूरी तरह गर्म हो चुका है इस समय चुनाव में दिन काम और वोटरों की ज्यादा जरूरत है जैसे-जैसे नजदीक चुनाव का दिन आ रहा है। वैसे-वैसे उम्मीदवारों की धड़कनें तेज होती हुई नजर आ रही है। यहां पर सत्ताधारी नेताओं का ग्रुप कुछ और ही नजर आ रहा है उनके चेहरे उतरे हुए देखे जा रहे हैं। यही नहीं जहां तक कि जिन उम्मीदवारों ने पैसे के बल पर बड़ी सिफारिश करके सीट हासिल की है उनकी विरोधदता उनके पार्टी के लोग ही करते हुए नगर आ रहे हैं। यह नजारा वार्ड नंबर 56 में देखने को मिल रहा है। यहां पर एक आम आदमी पार्टी का मुकेश सेठी चुनाव लड़ रहा है और इसकी टिकट मिलने के बाद आम आदमी पार्टी के लोग लोग दूसरी पार्टियों के साथ मिलकर अंदर खाते इसको हराना शुरू कर दिया है जहां तक कि इसके मेयर बनने के सपने पर पानी फेरना शुरू कर दिया क्या है इसको हराने के लिए सभी एकजुट हो चुके हैं और इसको खोखला कर दिया गया है यह भीड़ इक्कठी करने के लिए औरतों को 400 से 500 दे रहा है और जवानों को इकट्ठा करने के लिए भी पैसा पानी की तरह लगा रहा है परंतु आम आदमी पार्टी के जो इसके साथ खड़े हुए हैं लोग वह ही इसको हराने में लगे हुए है।

अगर आपको याद न हो तो आपको बता दें कि यह वही मुकेश सेठी हैं जिन पर अपने फ्लैट में एक युवक को पीटने के आरोप लगे थे। इस मामले में यह सरकारी दामाद बनकर ससुराल की हवा भी खा आए थे। वैसे इनकी करतूतों की वजह से आम आदमी पार्टी में जो इनके रिश्तेदार बैठे हैं वे भी नही चाहते थे कि इनको टिकट मिले इसलिए उन्होंने पहली लिस्ट में इनका नाम नहीं डलवाया। बाद में इन्होंने पैसे और सिफारिश के दम पर चुनावी टिकट लेकर पैराशूट के माध्यम से चुनाव लड़ने की मंशा पूरी कर ली। अब मंशा चुनाव लड़ने की पूरी हुई है न कि जीतने की।

महानगर में कल एक रोड शो निकल गया जिसमें हजारों लोगों को इकट्ठा करने का दावा करने वाली आम आदमी पार्टी फ्लॉप साबित हुई आम आदमी पार्टी के नेता उतनी भीड़ नहीं जुटा पाई जितनी वह पुलिस इकट्ठा हुई पड़ी थी। इस 700 मीटर रोड शो के दौरान लोगों द्वारा परेशानी का स्पर्म तो जरूर देखना पड़ा लेकिन चंद कम दूरी पर बने आम आदमी पार्टी के विधायक का ऑफिस में जहां खान-पान का इंतजाम किया हुआ था वहां नहीं जा पाए भगवंत मान जिसकी चर्चा हो रही है यही नहीं जालंधर में 85 उम्मीदवारों को टिकट दे रखी है जो प्रचार के दौरान दावे करते हैं कि हम अपने हलके से वार्ड से नशा खत्म कर देंगे लेकिन नशा शुरू किसने करवाया इसकी भी चर्चा खूब हो रही है।

मुकेश सेठी के साथ जालंधर वेस्ट उपचुनाव के समय जितने भी लोग मोहिंदर भगत को जिताने के लिए चल रहे थे उनमें से एक चौथाई भी अब सेठी के साथ नहीं चल रहे । अगर चल भी रहे हैं तो अंदरखाते वे दूसरे दलों के प्रत्यशियों को जिताने में लगे हैं । दरअसल मोहिंदर भगत को जिताने वाले भी भाजपाई हैं और हराने वाले भी इसलिए वही हाल अब सेठी का हो रहा है। सेठी को हराने वाले भी उनके अपने ही हैं क्योंकि अधिकतर नेता अपने अपने वार्ड में ही व्यस्त है और सिर्फ सेठी के साथ फोटो खिंचवाते हैं।