भूविज्ञान और खनन विभाग को पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 3.75 बिलियन रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ – अमर उजला हिंदी समाचार लाइव

भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग को पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में अब तक 3.75 अरब से अधिक का राजस्व मिल चुका है। इसके अलावा अवैध खनन, परिवहन, भंडारण के 818 प्रकरण लंबित हैं, जिनसे जुर्माना वसूला जाना है। इसमें कई प्रकरण कोर्ट में विचाराधीन हैं।

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भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के निदेशक राजपाल लेघा कहते हैं कि नेता प्रतिपक्ष ने कैग की रिपोर्ट में राज्य में अवैध खनन का जुर्माना जो कि 1386 करोड़ वसूल किए जाने का उल्लेख किया गया है। वर्तमान में प्रदेश में अवैध खनन आदि 818 प्रकरण हैं, इसमें कुल 303.69 की धनराशि वसूली जानी ही अवशेष हैं।

इसमें कई मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं, जिसमें न्यायालय से अंतिम निर्णय पारित न होने और कतिपय मामलों में न्यायालय से स्थगन आदेश पारित होने के कारण लंबित हैं। इन मामलों में का शासन व निदेशालय स्तर से अनुश्रवण किया जा रहा है।

ई-नीलामी के माध्यम से ठेकेदार का चयन

इसके अलावा उत्तराखंड उप खनिज (परिहार) नियमावली -2023 के प्राविधानुसार नैनीताल, ऊधमसिंह नगर, हरिद्वार, देहरादून के क्षेत्र के अंतर्गत स्वीकृत खनन पट्टों से रायल्टी अपरिहार्य वसूली करने के लिए ई-नीलामी के माध्यम से ठेकेदार का चयन किया गया है।

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इस व्यवस्था के लागू होने से राजस्व बढ़ा है। पहले 100 करोड़ का राजस्व मिलता था, जो अब 303 करोड़ हो गया है। इसके अलावा इस वित्तीय वर्ष में अब तक 1025 करोड़ का राजस्व मिला है, जो पिछले राजस्व की तुलना में 379.58 करोड़ अधिक है।