उत्तराखंड अपराध समाचार पिता रुद्रपुर में पैसे की चोरी के लिए अपने बेटे की जघन्य हत्या कर रहे हैं – अमर उजला हिंदी समाचार लाइव

संवाद न्यूज एजेंसी, रुद्रपुर(ऊधमसिंह नगर) द्वारा प्रकाशित: अलका त्यागी अद्यतन बुध, 16 अप्रैल 2025 09:58 अपराह्न IST

उत्तराखंड अपराध समाचार: 14 साल के अंकित ने घर से दस हजार रुपये चुराए। इस पर घर में झगड़ा हुआ था। इसी से परेशान होकर उसके पिता ने अंकित को खत्म करने की योजना बनाई।

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बेटे की आदत सुधार नहीं पाने के गुस्से ने देवदत्त को पत्थर दिल बना दिया और उसने अंकित को मार दिया। सुहाग के हाथों कलेजे के टुकड़े की हत्या ने आरती को अंदर तक तोड़ दिया है। घर चलाने के लिए ओवरटाइम करने के बाद कमाए रुपये चोरी होने और इस वजह से आए दिन घर में होने वाले क्लेश ने देवदत्त को बेटे का ही हत्यारा बना दिया।

चार साल से देवदत्त परिवार के साथ आजादनगर में रह रहा था। करीब डेढ़ महीने से उसका भतीजा अभिषेक भी उनके साथ आकर रहने लगा। वह भी एक कंपनी में काम करता था। देवदत्त सिडकुल की एक कंपनी में डाईमशीन चलाने का काम करता था। उसने पुलिस को बताया कि ड्यूटी करने के बाद उसको 12 हजार रुपये वेतन मिलता था। इससे घर का खर्च नहीं चल पाता था। इस वजह से वह कंपनी में ओवरटाइम करता था और इससे उसे छह हजार रुपये मिल जाते थे। वह किसी तरह घर का गुजर-बसर कर रहा था।

बताया कि छठी कक्षा में पढ़ने वाला 14 साल का उसका बड़ा बेटा अंकित दो साल से घर में चोरी कर रहा था। रुपये चोरी होने के बाद अक्सर घर में क्लेश होता था। एक बार अंकित ने घर के बक्से का ताला तोड़कर रुपये चुरा लिए थे। वह कई बार बेटे को समझा चुका था लेकिन उसने हरकतें बंद नहीं कीं।

इस बार अंकित ने दस हजार रुपये चुराए। इस पर मंगलवार को घर में झगड़ा हुआ था। इसी से परेशान होकर उसने अंकित को खत्म करने की योजना बनाई। उसके चेहरे पर अपने किए पर पछतावे का शिकन नहीं था। एसपी क्राइम निहारिका तोमर ने कहा कि अभियुक्त देवदत्त बार-बार बयान बदलता रहा था। उसे कमाई के रुपये चोरी होने का गुस्सा था और उसने बेटे की हत्या कर दी।

Rudrapur: अंकित हत्याकांड का खुलासा, पिता ही निकला कातिल, बेटे की चोरी की आदत और शैतानियों से था परेशान




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उत्तराखंड अपराध समाचार पिता रुद्रपुर में पैसे की चोरी के लिए अपने बेटे की जघन्य हत्या कर रहे हैं

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अंकित हत्याकांड का खुलासा
– फोटो : अमर उजाला


वारदात से हर कोई हैरान

रुपये चुराने की आदत से परेशान होकर बेटे की हत्या करने वाले देवदत्त की हरकत से उसके परिवार और मोहल्ले के लोग भी हैरान हैं। हत्यारोपी की पत्नी बेटे की मौत से पहले ही सदमे में थी। पति के कबूलनामे ने उसके पैरों तले जमीन खिसका दी। लोगों का कहना है कि बच्चे को कुछ और भी सजा दी जा सकती थी लेकिन अपने ही खून की इस तरह निर्मम हत्या झकझोरने वाली है।


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एसपी क्राइम निहारिका तोमर ने किया वारदात का खुलासा
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी


जोर-जोर से बोल रहा था कि बेटे की आंखें फोड़ दीं

देवदत्त ने झाड़ियों के पास बेटे का गला घोंटा तो वह बचने के लिए जोरआजमाइश करता रहा। रगड़ की वजह से कई जगह से खाल छिल गई थी। चेहरा जमीन की तरफ होने की वजह से वहां लकड़ियों से आंखों पर चोटें लगी थीं। मंगलवार को घटनास्थल पर हत्यारा पिता चिल्लाते हुए बेटे का गला घोंटने और उसकी आंखें फोड़ने की बात कह रहा था। बेटे की हत्या के बाद देवदत्त ने गमगीन होने का भरपूर नाटक किया लेकिन उसकी आंखों में बेटे को खोने के आंसू नहीं दिखे। उसके बदलते बयान और आंसू बांधे रखने का सब्र भी पुलिस के लिए शक की वजह बना।


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अंकित हत्याकांड का खुलासा
– फोटो : अमर उजाला


लेखनी का मिलान

अपराधी कितना भी शातिर क्यों न हो, वह कोई न कोई गलती कर ही बैठता है। अंकित हत्याकांड में भी ऐसा ही हुआ। देवदत्त ने अंकित को मारने का मन बनाया और कागज पर ””गुरुकुल स्कूल के पास रहता है नव भाई अभिषेक”” लिखकर अंकित की जेब में डाल दिया था। वह चाहता था कि शव मिलने पर आसानी से शिनाख्त हो जाए। पुलिस ने कड़ी से कड़ी जोड़ना शुरू किया तो शक की सुई मृतक के पिता की ओर से घूमती चली गई। खुद को फंसता देख देवदत्त ने मामले में कोई कार्रवाई नहीं करने का प्रार्थना पत्र भी पुलिस को दिया था। पुलिस ने अंकित के पास से मिले कागज और देवदत्त की ओर से दिए प्रार्थना पत्र का मिलान किया तो दोनों की लेखनी एक ही पाई गई।


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अंकित हत्याकांड का खुलासा
– फोटो : अमर उजाला


कॉल ने भी कलई खोली

हत्या को अंजाम देने के बाद उसने फैक्टरी पहुंचकर सहकर्मी के नंबर से भतीजे अभिषेक को फोन किया था। उसने बदली आवाज में अभिषेक को सिडकुल में अंकित के बेहोश पड़ा होने की सूचना दी थी। इस पर अभिषेक ने अपने सहयोगियों के साथ उसकी खोजबीन की, मगर वह नहीं मिला था। इस पर देवदत्त की पत्नी ने कंपनी में एक अन्य कर्मी के नंबर पर फोन कर उसे बुलाया था। देवदत्त कंपनी में साइकिल छोड़ सहकर्मी की बाइक से घर आया। यहां से अभिषेक ने एक कॉल आने की जानकारी दी तो नंबर देखने के बहाने उसने मोबाइल से इनकमिंग कॉल डिटेल से सहकर्मी का नंबर डिलीट कर दिया। इससे पहले अभिषेक ने सहकर्मी के मोबाइल पर कॉल की थी लेकिन तब फोन देवीदत्त के पास था और उसने रिसीव नहीं किया था। बाद में जब सहकर्मी ने मिसकॉल देखी तो अभिषेक के नंबर पर फोन किया और उसने देवीदत्त की ओर से ही उसे फोन करने की बात बताई।




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