केंद्र और राज्य एक रथ के दो पहिये हैं। रथ तभी तेजी से दौड़ेगा, जब दोनों पहिये सही होंगे। इसलिए तालमेल होना जरूरी है। दो दिनी चिंतन शिविर के समापन के मौके पर सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार के संबोधन की यह पंक्तियां इस राष्ट्रीय आयोजन के उद्देश्य को प्रभावी ढंग से समझा गई।
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दो दिन चले शिविर में केंद्रीय मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार अपनी पूरी टीम के साथ राज्यों के प्रतिनिधियों के बीच रहे। उन्होंने राज्यों की तरफ से जो बातें उठी उसे सुना, समस्याओं पर चर्चा की, सुझावों को नोट किया और वंचित वर्ग के कल्याण के लिए राज्यों से और सक्रिय भूमिका निभाने की अपील की।
समापन समारोह में केंद्रीय मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार ने कहा, केंद्र सभी राज्यों के लिए समान रूप से योजनाओं का निर्माण करता है। राज्य यदि उनके क्रियान्वयन पर जिम्मेेदारी से काम नहीं करेगा, तो योजना चाहे जितनी अच्छी हो, वह सफल नहीं हो सकती।
चिंतन शिविर के दूसरे दिन 19 राज्यों के मंत्रियों ने अपने-अपने प्रदेशों से संबंधित विषयों को उठाया। केंद्रीय मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार और केंद्रीय राज्य मंत्री बीएल वर्मा की मौजूदगी में केंद्रीय सचिव अमित यादव ने मंत्रियों को उपयुक्त जवाब देकर उनकी जिज्ञासा को शांत किया। केंद्रीय मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार ने भी अपने संबोधन में तमाम विषयों को छुआ। कहा, राज्यों के लिए उनके मंत्रालय के दरवाजे हर समय खुले हैं।