आज का पंचांग 30 अक्टूबर 2025: कार्तिक शुक्ल अष्टमी तिथि आज, जानें दिन के शुभ मुहूर्त और योग

आज का पंचांग 30 अक्टूबर 2025: कार्तिक शुक्ल अष्टमी तिथि आज, जानें दिन के शुभ मुहूर्त और योग

30 अक्टूबर 2025 फैक्ट रिकॉर्डर

Rashifal Desk: आज का पंचांग 30 अक्टूबर 2025: कार्तिक शुक्ल अष्टमी और गोपाष्टमी पर्व आज, जानें शुभ मुहूर्त, योग और पूजन विधि
आज यानी 30 अक्टूबर 2025, गुरुवार को कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि का समापन सुबह 10 बजकर 06 मिनट पर होगा। इस दिन गोपाष्टमी का पावन पर्व मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस अवसर पर गौमाता की विधिवत पूजा करने से सुख, समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है। इस शुभ दिन पर कई मंगल योग भी बन रहे हैं। आइए जानते हैं आज के पंचांग, शुभ मुहूर्त और गोपाष्टमी की महत्ता के बारे में—

आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang 30 October 2025)
तिथि: शुक्ल अष्टमी (प्रातः 10:06 बजे तक)
मास (पूर्णिमांत): कार्तिक
वार: गुरुवार
संवत्: 2082
योग: शूल (07:21 बजे तक), इसके बाद गण्ड
करण: बव (10:06 बजे तक), इसके बाद बालव (रात्रि 10:10 बजे तक)

सूर्योदय और सूर्यास्त
सूर्योदय: प्रातः 06:32 बजे
सूर्यास्त: सायं 05:37 बजे
चंद्रोदय: दोपहर 01:42 बजे
चन्द्रास्त: 31 अक्टूबर, रात 12:42 बजे
सूर्य राशि: तुला
चंद्र राशि: मकर
पक्ष: शुक्ल
शुभ मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त: 11:42 बजे से 12:27 बजे तक
अमृत काल: 07:42 बजे से 09:22 बजे तक

अशुभ समय
राहुकाल: 01:28 बजे से 02:51 बजे तक
गुलिकाल: 09:18 बजे से 10:41 बजे तक
यमगण्ड: 06:32 बजे से 07:55 बजे तक
गोपाष्टमी 2025 का महत्व (Gopashtami Significance)
गोपाष्टमी का पर्व कार्तिक शुक्ल अष्टमी को मनाया जाता है। यह दिन गौमाता और भगवान श्रीकृष्ण (गोपाल, गोविंद) की आराधना के लिए समर्पित है। मान्यता है कि इसी दिन श्रीकृष्ण ने पहली बार गाय चराने (गौ चारण) का कार्य आरंभ किया था, इसलिए इस तिथि को “गोपाष्टमी” कहा गया।
इस दिन श्रद्धालु गौमाता को स्नान कराकर, फूलों और चंदन से सजाकर, तिलक, हल्दी, रोली और चावल से पूजा करते हैं। उन्हें हरा चारा, गुड़ और अन्न अर्पित किया जाता है। ऐसा करने से जीवन में समृद्धि, शांति और पापों से मुक्ति प्राप्त होती है।
गोपाष्टमी पर करने योग्य कार्य
प्रातः स्नान कर पवित्र वस्त्र धारण करें।
गौमाता की सेवा और पूजा का संकल्प लें।
गाय को स्नान कराकर चंदन, पुष्प और दीप अर्पित करें।
गाय को हरा चारा, गुड़, फल या गेहूं खिलाएं।
गाय के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद प्राप्त करें।
भगवान श्रीकृष्ण का ध्यान करें और उनका नाम जपें।
गौशाला में अन्न-चारा या धन का दान करें।
करुणा और सेवा का भाव बनाए रखें।
स्मरण रखें: इस दिन किसी भी गाय को तंग या हानि न पहुँचाएं। यह दिन केवल सेवा, श्रद्धा और प्रेम का प्रतीक है।