राहुल गांधी का जन्मदिन बना जरिया, निशाने पर मोदी… युवाओं को लुभाने की कांग्रेस की रणनीति तैयार

19 जून 2025 फैक्टर रिकॉर्डर

Politics Desk: कांग्रेस ने राहुल गांधी के 55वें जन्मदिन को एक बड़े सियासी मौके में तब्दील कर दिया है। दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में बुधवार को यूथ कांग्रेस की ओर से एक विशाल रोजगार मेले का आयोजन किया गया, जिसमें 100 से अधिक कंपनियों ने हिस्सा लिया। इस आयोजन का मकसद सिर्फ राहुल गांधी के जन्मदिन का जश्न नहीं था, बल्कि इसके जरिए कांग्रेस ने युवाओं को पार्टी से जोड़ने की कोशिश की और साथ ही मोदी सरकार को बेरोजगारी के मुद्दे पर घेरने की रणनीति अपनाई।

दिल्ली यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष अक्षय लाकड़ा और प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने बताया कि इस मेले में जेप्टो, एयरटेल, ब्लिंकिट, टाटा, एचडीएफसी बैंक, फ्लिपकार्ट, महिंद्रा और एक्सिस बैंक जैसी बड़ी कंपनियों ने भाग लिया, जो 5,000 से ज्यादा नौकरियों की पेशकश कर रही हैं। करीब 20,000 युवाओं ने रोजगार के लिए पंजीकरण कराया। यह मेला दिल्ली-एनसीआर का अब तक का सबसे बड़ा जॉब फेयर बताया जा रहा है।

कांग्रेस का दावा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर साल दो करोड़ रोजगार देने का जो वादा किया था, वह पूरा नहीं हुआ। इसी मुद्दे को लेकर राहुल गांधी लगातार संसद से लेकर सड़क तक सरकार को घेरते रहे हैं। कांग्रेस का कहना है कि यह रोजगार मेला राहुल गांधी की युवा हितैषी सोच और बेरोजगारी को लेकर उनकी चिंता को दर्शाता है। यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय भानु चिब ने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में बेरोजगारी पिछले 40-50 वर्षों में सबसे अधिक रही है और राहुल गांधी युवाओं की मुखर आवाज बनकर उभरे हैं।

इस रोजगार मेले को कांग्रेस की दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, जिसमें वह देशभर के युवाओं को पार्टी से जोड़ना चाहती है। कांग्रेस की योजना है कि वह ऐसे रोजगार मेले आने वाले दिनों में देश के अन्य हिस्सों में भी आयोजित करेगी, खासतौर पर उन राज्यों में जहां विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। दिल्ली के बाद बिहार, केरल, पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, पंजाब और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में भी कांग्रेस रोजगार मेले आयोजित कर सकती है।

राहुल गांधी पहले भी रोजगार और पलायन जैसे मुद्दों को लेकर बिहार में यात्रा निकाल चुके हैं, जिसमें कन्हैया कुमार ने अहम भूमिका निभाई थी। इसके अलावा राहुल दरभंगा में दलित-ओबीसी छात्रों से संवाद करने पहुंचे थे। कांग्रेस अपने घोषणापत्र में भी युवाओं को रोजगार देने के वादे को प्रमुखता से शामिल करती रही है। ऐसे में यह रोजगार मेला पार्टी के उसी एजेंडे का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य युवाओं को साधना और मोदी सरकार को उनके सबसे बड़े चुनावी वादे — रोजगार — पर घेरना है।