04 जुलाई 2025 फैक्टर रिकॉर्डर
Business Desk: भारत और अमेरिका के बीच संभावित व्यापार समझौते को लेकर बातचीत तेज़ हो गई है, और इसी कड़ी में भारत पहली बार कुछ जीन-संशोधित (Genetically Modified – GM) प्रोसेस्ड कृषि उत्पादों के आयात पर विचार कर सकता है। इनमें मुख्य रूप से पशु चारे में उपयोग होने वाले सोयाबीन मील और कॉर्न-आधारित बायप्रोडक्ट जैसे डिस्टिलर्स ड्राइड ग्रेन्स विथ सॉल्युबल्स शामिल हैं।
सूत्रों के अनुसार, यह निर्णय अमेरिका के साथ होने वाले संभावित ट्रेड डील के हिस्से के रूप में लिया जा सकता है, जिसकी अंतिम बातचीत 9 जुलाई की समयसीमा से पहले पूरी होने की उम्मीद है। इस दिन से अमेरिका द्वारा उच्चतर टैरिफ लागू किए जाने हैं, जिसे टालने के लिए दोनों देश एक व्यावसायिक समझौते को अंतिम रूप देने की कोशिश कर रहे हैं।
अब तक भारत ने जीएम मक्का और सोयाबीन के आयात की अनुमति नहीं दी है और न ही किसानों को खाद्य फसलों के रूप में इनकी खेती करने की इजाज़त है। देश की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था और किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए सरकार आयात को लेकर हमेशा सतर्क रही है, ताकि घरेलू उत्पादन और किसानों की आजीविका प्रभावित न हो।
हालांकि, भारत वनस्पति तेल की मांग का लगभग 60% हिस्सा आयात से पूरा करता है, जिसमें जीएम सोया और कैनोला ऑयल शामिल होते हैं। वहीं, भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कपास उत्पादक है, और इसमें 90% से अधिक फसल जीएम तकनीक पर आधारित होती है।
इस पृष्ठभूमि में, सरकार सीमित दायरे में—विशेषकर पशु चारे के लिए—कुछ जीएम प्रोसेस्ड प्रोडक्ट्स को आयात की अनुमति देने पर विचार कर रही है। हालांकि खाद्य उपयोग के लिए जीएम फसलों की मंजूरी पर अब भी सरकार की सतर्क नीति बनी हुई है।