दरअसल, मुख्यमंत्री डॉ. यादव न केवल राजनीति में, बल्कि अपनी सांस्कृतिक और धार्मिक सोच के लिए भी जाने जाते हैं। वे मंचों से लेकर जनसभाओं तक भगवान श्रीकृष्ण का उल्लेख करना नहीं भूलते। उनके हालिया निर्णयों में भी यह झलक साफ दिखाई देती है।
‘श्रीकृष्ण पाथेय न्यास’ को मिली मंजूरी
मुख्यमंत्री ने भगवान श्रीकृष्ण के मध्यप्रदेश प्रवास से जुड़े स्थलों के विकास के लिए ‘श्रीकृष्ण पाथेय न्यास’ के गठन को मंजूरी दी है। यह न्यास उन स्थलों के संरक्षण और प्रचार का कार्य करेगा, जहां-जहां भगवान श्रीकृष्ण के चरण पड़े।
गौसेवा और धार्मिक योजनाएं
डॉ. यादव ने गौशालाओं को मिलने वाले अनुदान को दोगुना कर 40 रुपये प्रतिदिन किया है। उन्होंने कहा कि गौसेवा भारतीय संस्कृति की आत्मा है और इसी भावना से उन्होंने पशुपालन विभाग का नाम बदलकर ‘गौपालन विभाग’ करने की घोषणा की थी।
गीता भवन और विश्व रिकॉर्ड
11 दिसंबर 2024 को भोपाल में गीता जयंती पर मुख्यमंत्री की पहल पर 7 हजार से अधिक आचार्यों और बटुकों ने एक साथ श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ किया। इस आयोजन ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में जगह बनाई। इसके साथ ही प्रदेश के 413 नगरीय निकायों में ‘गीता भवन’ बनाने की योजना भी स्वीकृत की गई है।
‘वृंदावन ग्राम योजना’ और ‘सांदीपनि स्कूल’
राज्य सरकार ने हर गांव को आत्मनिर्भर और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध बनाने के लिए ‘मुख्यमंत्री वृंदावन ग्राम योजना’ शुरू की है। वहीं, प्रदेश के सीएम राइज स्कूलों का नाम बदलकर ‘सांदीपनि स्कूल’ रखा गया है, ताकि शिक्षा में भारतीय ज्ञान परंपरा को जोड़ा जा सके।
राजकीय स्तर पर गोवर्धन पूजा और जन्माष्टमी
सीएम यादव ने गोवर्धन पूजा और जन्माष्टमी को राजकीय स्तर पर मनाने का निर्णय लिया। इस अवसर पर पूरे प्रदेश में उत्सव का माहौल रहा।
डॉ. मोहन यादव जहां भी जाते हैं, कहते हैं — “जहां गाय, वहां गोकुल; जो गाय की सेवा करे, वही गोपाल।”
उनकी यह तस्वीर इस बात का प्रतीक बन गई है कि मुख्यमंत्री न केवल शासन चला रहे हैं, बल्कि श्रीकृष्ण की शिक्षाओं को जीवन में आत्मसात भी कर रहे हैं।