30 जून 2025 फैक्टर रिकॉर्डर
politics Desk: तेजस्वी यादव द्वारा वक्फ संशोधन विधेयक को “कूड़ेदान में फेंकने” की बात कहने पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। बीजेपी ने इसे न सिर्फ संसद और न्यायपालिका का अपमान बताया, बल्कि इसे वोट बैंक की राजनीति और “नमाजवाद” करार दिया। क्या है मामला?
पटना के गांधी मैदान में वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ एक रैली में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने घोषणा की कि यदि बिहार में उनकी सरकार बनती है तो वह इस विधेयक को लागू नहीं होने देंगे और “कूड़ेदान में फेंक देंगे”। तेजस्वी के इस बयान ने सियासी हलचल तेज कर दी है।
बीजेपी का पलटवार
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि तेजस्वी का यह बयान लोकतंत्र, संविधान और न्यायपालिका का सीधा अपमान है। उन्होंने कहा, “पटना का गांधी मैदान वो ऐतिहासिक स्थान है जहां आपातकाल के दौरान संविधान की रक्षा के लिए जन आंदोलन हुआ था, और आज वहीं तेजस्वी यादव संविधान द्वारा पारित कानून को कूड़ेदान में फेंकने की बात कर रहे हैं।”
“नमाजवाद” बनाम समाजवाद
त्रिवेदी ने कहा कि वक्फ कानून को लेकर तेजस्वी की टिप्पणी दरअसल संविधान को दरकिनार कर धार्मिक कट्टरता को बढ़ावा देने की मानसिकता को दर्शाती है। उन्होंने आरोप लगाया कि तेजस्वी यादव समाजवाद नहीं बल्कि “नमाजवाद” की ओर बढ़ रहे हैं।
कुरान और वक्फ पर टिप्पणी
बीजेपी प्रवक्ता ने यह भी दावा किया कि कुरान में वक्फ जैसा कोई शब्द नहीं है और यह केवल मौलवियों द्वारा गढ़ी गई एक अवधारणा है। उन्होंने कहा कि इस्लाम में दान देने की बात है, न कि संपत्ति जमा करने की।
बीजेपी का सवाल: क्या बिहार में शरिया लागू करना चाहते हैं तेजस्वी?
सुधांशु त्रिवेदी ने सवाल उठाया, “क्या तेजस्वी यादव बिहार में शरिया कानून लागू करना चाहते हैं? वक्फ कानून समाजवाद की भावना के खिलाफ है। यह गरीब मुसलमानों के बजाय कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने वाला कानून बन गया है।”
बीजेपी ने साफ कर दिया है कि वह वक्फ कानून को लेकर तेजस्वी के बयानों का विरोध पूरी ताकत से करेगी और इसे संविधान विरोधी कदम मानती है।