30 जून 2025 फैक्टर रिकॉर्डर
Haryana Desk: हाईवे का खौफ: बेटी की मौ*त के बाद बना ट्रक ड्राइवरों का कातिल, मुठभेड़ में मारा गया संदीप लोहार यह कहानी है हरियाणा के रोहतक के भैणी महाराज गांव के संदीप लोहार की, जो कभी एक पहलवान था और बाद में साइको किलर बन गया। बेटी की मौ*त ने उसे ऐसा तोड़ा कि वह ट्रक ड्राइवरों का दुश्मन बन बैठा। संदीप पर उत्तर प्रदेश, हरियाणा और महाराष्ट्र में ह*त्या, लूट और डकैती के 15 से अधिक मामले दर्ज थे। रविवार देर रात यूपी के बागपत में STF और पुलिस की संयुक्त मुठभेड़ में वह मारा गया।
बेटी की मौ*त से टूटा, बना ट्रक ड्राइवरों का कातिल
साल 2013 में एक सड़क हादसे में संदीप की मासूम बेटी की मौ*त हो गई। संदीप ने इसके लिए एक ट्रक ड्राइवर को जिम्मेदार माना और तभी से ट्रक ड्राइवरों से नफरत करने लगा। इस घटना के बाद उसने हाईवे पर ट्रक ड्राइवरों को निशाना बनाकर उनकी ह*त्या करना शुरू कर दिया।
वारदात का तरीका: दोस्ती कर फिर क*त्ल
संदीप हाईवे पर ट्रक ड्राइवरों से दोस्ती करता, उनके साथ खाना-पीना करता और फिर शराब के नशे में या अकेले पाकर उनकी ह*त्या कर देता। ह*त्या के बाद वह ट्रक में मौजूद कीमती माल लूटकर फरार हो जाता। पुलिस के मुताबिक, उसने अब तक कम से कम चार ट्रक ड्राइवरों को बेरहमी से मार डाला था।
कानपुर में 4 करोड़ की लूट के बाद बना मोस्ट वांटेड
15 मई 2025 को कानपुर के पनकी इलाके में संदीप ने एक ट्रक से 4 करोड़ की निकेल प्लेट लूट ली थी। इसके बाद वह फरार हो गया और पुलिस ने उस पर ₹1 लाख का इनाम घोषित कर दिया।
बागपत में मुठभेड़, अंत हुआ आतंक का
29 जून की रात बागपत के मवीकलां में STF नोएडा और बागपत पुलिस ने संयुक्त ऑपरेशन चलाया। मुठभेड़ के दौरान संदीप ने पुलिस पर फायरिंग की, जवाबी कार्रवाई में वह घायल हुआ और बाद में अस्पताल में उसकी मौत हो गई। घटनास्थल से पुलिस ने पिस्टल, कारतूस और अन्य आपराधिक साक्ष्य बरामद किए।
बागपत के एसपी सूरज कुमार राय ने बताया कि संदीप बेहद खतरनाक अपराधी था और हाईवे पर ट्रक ड्राइवरों की ह*त्या कर आतंक फैलाता था। उसका एक साथी अब भी फरार है, जिसकी तलाश जारी है।
पुलिस की बड़ी कामयाबी
एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश ने कहा कि यह मुठभेड़ हाईवे पर हो रही लूट और हत्याओं की श्रृंखला को तोड़ने में एक बड़ी सफलता है। अब पुलिस संदीप के पूरे नेटवर्क की जांच में जुटी है।
एक पहलवान से हाईवे किलर बना संदीप लोहार अब इतिहास का हिस्सा बन चुका है, लेकिन उसकी दहशत अभी भी ड्राइवरों की यादों में ज़िंदा है।