एयर इंडिया विमान हादसे की जांच पूरी तरह पारदर्शी: विमानन मंत्री राममोहन नायडू

07 अक्टूबर 2025 फैक्ट रिकॉर्डर

National Desk: एयर इंडिया विमान हादसे की जांच पारदर्शी और निष्पक्ष: विमानन मंत्री के. राममोहन नायडू

विमानन मंत्री के. राममोहन नायडू ने स्पष्ट किया है कि एयर इंडिया विमान हादसे की जांच पूरी तरह नियमों के अनुरूप, पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से चल रही है। उन्होंने कहा कि जांच में किसी भी तरह की हेराफेरी या गड़बड़ी नहीं की जा रही है।

नायडू का यह बयान उस समय आया है जब कुछ लोगों ने विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) की प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। मंत्री ने कहा, “यह एक बहुत ही साफ-सुथरी और गहन जांच प्रक्रिया है। हम चाहते हैं कि सभी लोग असली कारणों को जानने के लिए अंतिम रिपोर्ट का इंतजार करें।”

उन्होंने यह भी जोड़ा कि AAIB अपनी जांच पूरी स्वतंत्रता और पारदर्शिता से कर रहा है और सरकार उस पर कोई दबाव नहीं डाल रही है। “हम नहीं चाहते कि वे जल्दबाजी में कोई रिपोर्ट तैयार करें। जांच पूरी करने में जितना समय आवश्यक होगा, उतना समय दिया जाएगा,” नायडू ने कहा।

यह बयान राजधानी दिल्ली में एक पुस्तक विमोचन समारोह के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान आया।

अहमदाबाद हादसे की पृष्ठभूमि

यह हादसा 12 जून 2025 को अहमदाबाद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन गैटविक के लिए उड़ान भरते समय हुआ था। एयर इंडिया की बोइंग 787-8 फ्लाइट (AI-171) टेकऑफ के कुछ सेकंड बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। हादसे में 260 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें 241 यात्री शामिल थे। इसे देश के सबसे बड़े विमान हादसों में से एक माना जा रहा है।

AAIB की प्रारंभिक रिपोर्ट और विवाद

AAIB की प्रारंभिक रिपोर्ट 12 जुलाई को जारी की गई थी, जिसमें बताया गया था कि टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद विमान के दोनों इंजनों को जाने वाली ईंधन आपूर्ति लगभग एक साथ बंद हो गई थी। कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में एक पायलट को यह कहते सुना गया, “तुमने कटऑफ क्यों किया?” जिस पर दूसरे पायलट ने जवाब दिया कि उसने ऐसा कुछ नहीं किया।

बाद में 22 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने इस रिपोर्ट के कुछ अंशों के सार्वजनिक होने पर नाराजगी जताई थी। कोर्ट ने कहा कि ऐसी “चयनात्मक रिपोर्टिंग दुर्भाग्यपूर्ण और गैर-जिम्मेदाराना” है क्योंकि इससे मीडिया में गलत धारणा बन सकती है।विमानन मंत्री ने अंत में कहा कि सभी को अंतिम रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए ताकि दुर्घटना के वास्तविक कारण स्पष्ट रूप से सामने आ सकें।