18 March 2025: Fact Recorder
एसजीपीसी प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी।
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी को मनाने की कोशिशें एक बार फिर शुरू हो गई हैं। बीते दिन ही एसजीपीसी वर्किंग कमेटी ने बैठक में धामी के इस्तीफे नामंजूर कर दिया था।
गौरतलब है कि धामी को मनाने के लिए एसजीपीसी वफद भी बीती शाम उनके घर पहुंचा था। जिसमें उन्होंने एसजीपीसी सदस्यों को आश्वासन दिया था कि वे अपने इस्तीफे पर विचार करेंगे। वहीं दूसरी और अब सुखबीर बादल खुद उन्हें मनाने के लिए होशियारपुर पहुंच रहे हैं।

6 मार्च को वापस लौटने से किया था इनकार
6 मार्च को एडवोकेट धामी अमृतसर पहुंचे थे। उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए साफ कर दिया था कि इस्तीफा मानना या ना मानना कार्यकारिणी का अधिकार है। लेकिन वे अपनी बात पर अड़े हुए हैं और अपना इस्तीफा वापस नहीं लेंगे। इस दौरान उन्होंने श्री अकाल तख्त साहिब के तत्कालीन जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह से भी मुलाकात की थी।
लेकिन इस बैठक के दो दिन बाद ही जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह को तख्त की सेवाओं से मुक्त कर दिया गया था। जिसके बाद एसजीपीसी का विरोध भी हुआ।
बीते माह दिया था इस्तीफा
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने बीते महीने अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। धामी ने इसके पीछे का कारण श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह की पोस्ट को बताया है। रघबीर सिंह ने हरप्रीत सिंह को श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार पद से हटाने के बाद 13 फरवरी को पोस्ट शेयर की थी। वहीं, पूर्व जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने इस इस्तीफे को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।
धामी बोले- हरप्रीत को हटाने के लिए डेढ़ घंटा तक चर्चा हुई थी
धामी ने कहा था कि जिस दिन ज्ञानी हरप्रीत सिंह को हटाने का फैसला लिया गया उस दिन 14 एग्जीक्यूटिव सदस्य साथ थे और डेढ़ घंटा बातचीत हुई। डेढ़ घंटे तक सभी को बोलने का समय दिया गया था, ताकि किसी के विचार रह ना जाएं, लेकिन प्रधान मुख होता है। इसलिए नैतिक तौर पर मैं इस पद से इस्तीफा देता हूं। गुरु साहिब कृपा करें।
उन्होंने कहा कि एसजीपीसी सिखों की प्रबंधकीय संस्था है और श्री अकाल तख्त साहिब सिखों का सिरमौर (उच्च) तख्त है। शिरोमणि अकाली दल भी इस तख्त का संगठन है।
