01 अगस्त 2025 फैक्ट रिकॉर्डर
Chandigarh Desk: कंगना रनौत को हाईकोर्ट से झटका: मानहानि केस रद्द करने की याचिका खारिज, ट्वीट को लेकर मुकदमा जारी रहेगा हिमाचल प्रदेश के मंडी से बीजेपी सांसद और बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने उनकी वह याचिका खारिज कर दी है, जिसमें उन्होंने बठिंडा की अदालत में उनके खिलाफ चल रही आपराधिक मानहानि की शिकायत को रद्द करने की मांग की थी।
क्या है मामला?
यह विवाद कंगना रनौत द्वारा किसान आंदोलन के दौरान किए गए एक ट्वीट को लेकर है। उन्होंने एक तस्वीर के साथ रीट्वीट करते हुए लिखा था:
‘हा हा हा, यह वही दादी हैं जो टाइम मैगजीन में सबसे प्रभावशाली भारतीय के तौर पर आई थीं… और यह 100 रुपये में उपलब्ध हैं।’
इस ट्वीट में जो महिला दिखाई गई थीं, वह बठिंडा निवासी महिंदर कौर थीं। उन्होंने अदालत में शिकायत दर्ज कराई कि उन्हें गलत तरीके से शाहीन बाग की प्रदर्शनकारी महिला से जोड़ा गया और उनकी छवि को धूमिल किया गया।
अदालत की टिप्पणी
बठिंडा की अदालत ने कंगना के खिलाफ समन जारी करते हुए कहा कि एक सार्वजनिक हस्ती होने के नाते उन्हें अधिक जिम्मेदारी से व्यवहार करना चाहिए। अदालत ने पाया कि कंगना का यह बयान शिकायतकर्ता की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाता है।
हाईकोर्ट की एकल पीठ, न्यायमूर्ति त्रिभुवन दहिया ने स्पष्ट किया कि प्रथम दृष्टया कंगना रनौत के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 499 (मानहानि) और 500 (मानहानि की सजा) के तहत अभियोग बनता है। कोर्ट ने कहा कि मजिस्ट्रेट द्वारा जारी समन आदेश विधिसम्मत है और सभी साक्ष्यों की समीक्षा के बाद यह निर्णय लिया गया था।
कंगना के तर्क खारिज
कंगना की ओर से यह दलील दी गई थी कि उनका ट्वीट किसी दुर्भावना से नहीं था और ‘गुड फेथ’ में किया गया था। साथ ही उन्होंने यह भी तर्क दिया कि जिस व्यक्ति (गौतम यादव) ने मूल ट्वीट किया था, उसे शिकायत में शामिल नहीं किया गया, जबकि केवल उनके खिलाफ कार्रवाई हो रही है। हाईकोर्ट ने दोनों ही तर्कों को खारिज कर दिया।
अब आगे क्या?
हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब कंगना रनौत को बठिंडा अदालत में चल रही आपराधिक मानहानि की कार्यवाही का सामना करना पड़ेगा। यह मामला उनके किसान आंदोलन के दौरान दिए गए विवादित सोशल मीडिया बयान को लेकर है, जिसे अदालत ने गंभीरता से लिया है।
इस निर्णय से स्पष्ट हो गया है कि सार्वजनिक मंचों पर दिए गए बयानों के लिए जिम्मेदारी तय की जा सकती है, चाहे वह किसी आम नागरिक का मामला हो या फिर एक सांसद और फिल्मी हस्ती का।