10वीं कक्षा में पढ़ रहे ई-रिक्शा चालक के बेटे को बेहोश कर कार सवारों ने अपहरण कर लिया। पकड़े जाने के डर से कार सवार छात्र को देहरादून के पास जंगल में फेंककर फरार हो गए। होश में आने पर छात्र पैदल चलकर कई किलोमीटर दूर देहरादून स्थित रिश्तेदार के घर पहुंचा और घटना की जानकारी दी। रिश्तेदारों की सूचना पर परिजन बच्चे को देहरादून से लेकर कोतवाली पहुंचे और पुलिस को तहरीर दी। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
सिविल लाइंस कोतवाली क्षेत्र स्थित खंजरपुर निवासी अमित ने पुलिस को बताया कि वह ई-रिक्शा चलाते हैं। उनका बड़ा बेटा प्रियांश शहर के ही एक स्कूल में 10वीं कक्षा में पढ़ रहा है। शुक्रवार को प्रियांश साइकिल से अपने छोटे भाई को मलकपुर चुंगी पर छोड़ने आया था। इसके बाद से वह घर नहीं लौटा। उसकी आसपास तलाश की लेकिन कुछ पता नहीं चल पाया।
इस बीच वह बेटे को तलाश करते हुए नगर निगम पुल के पास पहुुंचे। वहां कुछ लोगों ने बताया कि एक बच्चा बेहोशी की हालत में सड़क किनारे पड़ा था। उसे कुछ लोग कार में डालकर ले गए। उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दी। सूचना मिलते ही पुलिस ने वायरलेस सेट पर बच्चे के बारे में जानकारी देकर उसकी तलाश की। अमित ने बताया कि शाम के समय देहरादून में रहने वाले एक रिश्तेदार की उनके पास कॉल आई और बच्चे को अपने पास होना बताया। इसपर वह देहरादून पहुंचे और बेटे से जानकारी ली।
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बेटे ने बताया कि उसे कुछ लोगों ने नशीला पदार्थ सुंघाया था, इसके बाद वह बेहोश हो गया था। जब उसे होश आया तो दिल्ली-हाईवे पर आशारोड़ी चेकपोस्ट के पास सड़क किनारे जंगल में पड़ा था। वह किसी तरह पैदल चलकर रिश्तेदार के घर पहुंचा था। अमित ने बताया कि कार सवार उसका अपहरण करके ले गए थे और पकड़े जाने के डर से ही वह उसके बेटे को जंगल में फेंककर फरार हो गए। पीड़ित ने पुलिस से कार्रवाई की मांग की है।
एसएसआई विनोद थपलियाल ने बताया कि बच्चा देहरादून कैसे पहुंचा और कौन लोग उसे ले गए थे इसकी जांच कराई जा रही है। साथ ही मलकपुर चुंगी और नगर निगम पुल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे भी खंगाले जा रहे हैं।
दहशत में हैं छात्र, नहीं दे पा रहा कोई जवाब
शनिवार को परिजन छात्र को कोतवाली लेकर पहुंचे और पूरी जानकारी दी। इस बीच पुलिस ने छात्र से पूछताछ की लेकिन वह कुछ जवाब नहीं दे पाया। छात्र के चेहरे पर दहशत नजर आ रही थी और वह कुछ बोल भी नहीं पा रहा था। इस पर पुलिस ने बच्चे को परिजनों के साथ घर भेज दिया ताकि उसकी स्थिति में सुधार आ सके।