नवंबर 2023 में सिलक्यारा-पोलगांव में हुए हादसे के बाद कार्यदायी संस्था की ओर से आस्था और विज्ञान के बीच सांमजस्य बनाकर निर्माण कार्य किया गया। रेस्क्यू के समय जब देश-दुनिया की बड़ी से बड़ी तकनीक और मशीनें भी फेल हो गई थीं तब रेस्क्यू टीम और पूरे महकमे को बाबा बौखनाग की शरण में जाना पड़ा था।
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