उत्तर्कशी सुरंग के बाद दुर्घटना के बाद विश्वास और प्रौद्योगिकी के निर्माण में सुरंग के निर्माण में देखा गया था – अमर उजला हिंदी समाचार लाइव

नवंबर 2023 में सिलक्यारा-पोलगांव में हुए हादसे के बाद कार्यदायी संस्था की ओर से आस्था और विज्ञान के बीच सांमजस्य बनाकर निर्माण कार्य किया गया। रेस्क्यू के समय जब देश-दुनिया की बड़ी से बड़ी तकनीक और मशीनें भी फेल हो गई थीं तब रेस्क्यू टीम और पूरे महकमे को बाबा बौखनाग की शरण में जाना पड़ा था।

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12 नवंबर 2023 को छोटी दीपावली के दिन निर्माणाधीन सुरंग के करीब 200 मीटर हिस्से में भूस्खलन होने के कारण 41 मजदूर अंदर फंस गए थे। उस समय मजदूरों को बचाने के लिए देश दुनिया की सबसे उच्च तकनीकी विशेषज्ञों और टीम को बुलाया गया था। लेकिन मजदूरों को बाहर निकालने का हर प्रयास असफल हो रहा था। तब स्थानीय लोगों ने शासन-प्रशासन को सुझाव दिया कि क्षेत्र के बाबा बौखनाग देवता की शरण में जाकर देवभूमि की आस्था अनुरूप उनसे भी मदद मांगी जाए।

फिर चर्चा में सिलक्यारा सुरंग: 17 दिन तक फंसे थे 41 मजदूर, अब हुई आरपार, बना बाबा बौखनाग का मंदिर, तस्वीरें