18 जुलाई 2025 फैक्टर रिकॉर्डर
International Desk: सीरिया पर इस्राइल के हमलों की वजह क्या है? स्वैदा में बढ़ता संकट और संघर्ष विराम के बावजूद क्यों नहीं थम रही हिंसा इस्राइल और हमास के बीच लंबे समय से जारी तनाव के बीच अब इस्राइल ने सीरिया की ओर रुख कर लिया है। 13 जुलाई को सीरिया के स्वैदा प्रांत में हुई एक घटना के बाद इस्राइल ने सीधे तौर पर वहां की नई कट्टरपंथी अंतरिम सरकार को निशाना बनाते हुए सैन्य कार्रवाई शुरू कर दी। इस्राइल का दावा है कि वह सीरिया के द्रूज समुदाय की रक्षा के लिए यह कदम उठा रहा है।
क्यों शुरू हुए हमले?
सीरिया में पहले से ही गृहयुद्ध जैसे हालात हैं। हाल ही में उस वक़्त हिंसा भड़क उठी जब एक द्रूज सब्ज़ी विक्रेता का बेदुइन कबाइलियों द्वारा अपहरण किया गया। इसके जवाब में दोनों पक्षों के बीच अपहरण और हिंसक झड़पों की श्रृंखला शुरू हो गई। जल्द ही सीरियाई सरकार के लड़ाके भी इस संघर्ष में कूद पड़े और द्रूज समुदाय पर हमले करने लगे। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए इस्राइल ने 15 जुलाई को स्वैदा पर पहला हवाई हमला किया और फिर 16 जुलाई को हमलों को तेज करते हुए राजधानी दमिश्क स्थित सैन्य मुख्यालय और रक्षा मंत्रालय को भी निशाना बनाया।
संघर्ष विराम – आया और टूट गया
इन हमलों के बीच सीरिया की सरकार और द्रूज लड़ाकों के बीच एक युद्धविराम समझौता हुआ, जिसकी घोषणा सीरिया के रक्षा मंत्री मुरहाफ अबू कासरा ने की। लेकिन यह सीजफायर 24 घंटे भी नहीं टिक पाया। अगले ही दिन दोनों पक्षों के बीच फिर से हिंसक झड़पें शुरू हो गईं। इसके जवाब में इस्राइल ने एक बार फिर दमिश्क में सैन्य ठिकानों पर हमले किए।
इस्राइल क्यों नहीं रुक रहा?
सीरियाई बलों और द्रूज लड़ाकों के बीच संघर्षविराम लागू होने के बावजूद इस्राइल ने हमले बंद नहीं किए। 18 जुलाई को इस्राइली वायुसेना ने स्वैदा के बाहरी इलाकों में एक बार फिर बमबारी की। इस्राइली सरकार का कहना है कि ये हमले द्रूज समुदाय की रक्षा और दक्षिणी सीरिया को सैन्य मुक्त क्षेत्र बनाए रखने के उद्देश्य से किए जा रहे हैं।
इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि वे इन सैन्य कार्रवाइयों को भविष्य में भी जारी रखेंगे। उनका आरोप है कि सीरिया की सरकार ने दमिश्क के दक्षिण में सेना भेजकर और द्रूजों पर हमला कर उनकी “लाल रेखा” पार कर दी है। उन्होंने कहा, “हम नरसंहार को चुपचाप नहीं देख सकते थे, इसलिए आईडीएफ को कार्रवाई का आदेश दिया गया।”
स्वैदा में मौजूदा हालात
स्वैदा में हालात फिलहाल कुछ शांत जरूर हैं, लेकिन अभी भी रुक-रुक कर गोलीबारी की खबरें सामने आ रही हैं। सीरियन ऑब्ज़र्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के अनुसार, इस सप्ताह की शुरुआत से अब तक 300 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं, जिनमें 27 द्रूज नागरिक भी शामिल हैं। बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान हुआ है और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं।
अमेरिका का रुख
अमेरिका इस समय सीरिया की अंतरिम सरकार के प्रति अपेक्षाकृत नर्म रुख अपना रहा है। अमेरिकी विशेष दूत टॉम बराक ने सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील की है। उन्होंने शांतिपूर्ण और समावेशी समाधान की बात कही है। व्हाइट हाउस की प्रवक्ता कैरोलिन लेविट ने भी कहा कि अमेरिका चाहता है कि सीरिया एक शांतिपूर्ण राष्ट्र के रूप में उभरे और क्षेत्रीय संघर्ष खत्म हों।
ड्रूज समुदाय की स्थिति
ड्रूज समुदाय सीरिया का एक छोटा लेकिन महत्वपूर्ण धार्मिक अल्पसंख्यक समूह है, जिसकी संख्या करीब 7 लाख है और अधिकांश लोग स्वैदा प्रांत में रहते हैं। वे लंबे समय से विकेंद्रीकृत शासन प्रणाली की मांग करते आ रहे हैं ताकि उन्हें स्वायत्तता मिल सके। असद शासन के पतन के बाद ड्रूजों की आवाज़ और अधिक मुखर हुई, लेकिन बार-बार संघर्ष, बाहरी हस्तक्षेप और सरकार की कठोर नीति के चलते उनकी स्थिति और अधिक संवेदनशील हो गई है।
आगे क्या?
सीरिया में द्रूज और सरकार के बीच अस्थायी शांति भले ही बनी हो, लेकिन इस्राइल के लगातार हमले यह संकेत दे रहे हैं कि संकट अभी टला नहीं है। जब तक द्रूज समुदाय की सुरक्षा, सीरियाई क्षेत्रीय अखंडता और विदेशी हस्तक्षेप जैसे जटिल मुद्दों का हल नहीं निकलता, तब तक दक्षिणी सीरिया में अस्थिरता और संघर्ष की आशंका बनी रहेगी।