कम उम्र में हार्ट अटैक क्यों बढ़ रहे हैं? जानें कारण और बचाव के उपाय

01 जुलाई 2025 फैक्टर रिकॉर्डर

Health Desk: बॉलीवुड अभिनेत्री और बिग बॉस फेम शेफाली जरीवाला का 42 वर्ष की उम्र में हार्ट अटैक के कारण निधन हो गया। उनके परिवार के करीबियों के अनुसार, उनकी मौत का मुख्य कारण उनकी बीमारी और दिल से जुड़ी समस्या थी। यह खबर मनोरंजन जगत और उनके प्रशंसकों के लिए एक बड़ा सदमा साबित हुई है। शेफाली जरीवाला फिटनेस के मामले में भी काफी सजग थीं, फिर भी कम उम्र में हार्ट अटैक जैसी गंभीर समस्या ने उनकी जान ले ली। यही नहीं, हाल ही में सिद्धार्थ शुक्ला की भी कम उम्र में हार्ट अटैक से मौत हुई थी, जो इस बात का संकेत है कि युवा वर्ग में दिल की बीमारियों का खतरा तेजी से बढ़ रहा है।

इसके पीछे कई कारण जिम्मेदार हैं:

खराब खानपान:
आजकल बढ़ती बीमारियों के पीछे सबसे बड़ा कारण खराब खानपान है। जंक फूड, प्रोसेस्ड फूड, अधिक तेल और मसालेदार भोजन का अत्यधिक सेवन हृदय रोगों का खतरा बढ़ाता है। इन खाद्य पदार्थों में ट्रांस फैट और सैचुरेटेड फैट की मात्रा अधिक होती है, जो बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ाकर दिल की बीमारियों को जन्म देते हैं।

व्यायाम की कमी:
शारीरिक गतिविधि की कमी और सेडेंटरी लाइफस्टाइल भी हार्ट अटैक का बड़ा कारण है। एक्सरसाइज़ न करने से मोटापा बढ़ता है और इससे हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याएं होती हैं, जो दिल की बीमारी के जोखिम को बढ़ाती हैं।

नशे का सेवन:
धूम्रपान और शराब का अत्यधिक सेवन हृदय और रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है। इससे दिल से जुड़ी कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। इसलिए, स्वस्थ जीवन के लिए धूम्रपान छोड़ना और शराब का सेवन कम या बंद करना बेहद जरूरी है।

नींद की कमी:
पर्याप्त नींद न लेना भी हृदय स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। नींद की कमी से शरीर और विशेष रूप से दिल की प्रणाली प्रभावित होती है, जिससे बीमारी का खतरा बढ़ जाता है।

तनाव और मानसिक स्वास्थ्य:
आज की तेज रफ्तार जिंदगी में युवा काम का दबाव, पारिवारिक जिम्मेदारियां और भविष्य की चिंता से तनाव में रहते हैं। लगातार तनाव और डिप्रेशन से ब्लड प्रेशर बढ़ता है, जो हृदय पर अतिरिक्त दबाव डालता है। यदि परिवार में पहले से किसी को दिल की समस्या रही हो, तो जोखिम और भी बढ़ जाता है।

इसलिए, स्वस्थ जीवनशैली अपनाना और समय-समय पर स्वास्थ्य जांच कराना बेहद जरूरी है ताकि कम उम्र में हार्ट अटैक जैसी गंभीर समस्या से बचा जा सके।