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नशे के खिलाफ जंग — नशा छोड़ने वाले युवाओं को बनाया जाएगा हुनरमंद, जिला प्रशासन ने तैयार किया खाका

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पंजाब सरकार की ओर से शुरू की गई "नशे के खिलाफ जंग" मुहिम को जमीनी स्तर तक सफल बनाने के लिए जिला प्रशासन संगरूर ने कमर कस ली है।

कार्यालय: जिला लोक संपर्क अधिकारी, संगरूर

06 जून 2025 फैक्टर रिकॉर्डर

  • नशा मुक्ति केंद्रों और पुनर्वास केंद्रों को मरीजों का डेटा भेजने के निर्देश

  • आरसेटी, पशुपालन, बागवानी, आईटीआई, केवीके, डेयरी विकास, मत्स्य पालन आदि विभाग करवाएंगे शॉर्ट टर्म कोर्स

  • डिप्टी कमिश्नर की अपील: “नशा विरोधी मुहिम” को सफल बनाने और स्वस्थ समाज रचने में दें सहयोग

Punjab Desk: पंजाब सरकार की ओर से शुरू की गई “नशे के खिलाफ जंग” मुहिम को जमीनी स्तर तक सफल बनाने के लिए जिला प्रशासन संगरूर ने कमर कस ली है। जिला प्रशासन ने फैसला किया है कि नशा छोड़ रहे युवाओं को इलाज के दौरान ही हुनरमंद बनाया जाएगा। इसके लिए बाकायदा एक योजना तैयार कर ली गई है। इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए डिप्टी कमिश्नर श्री संदीप ऋषि ने आज विभिन्न विभागों के अधिकारियों और नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्रों के प्रबंधकों के साथ बैठक की।

हुनर से आत्मनिर्भर बनेंगे युवा:
श्री संदीप ऋषि ने बताया कि आज जरूरत है कि जो व्यक्ति, खासकर युवा, नशा छोड़ने के लिए इलाज करवा रहे हैं, उन्हें हुनरमंद बनाया जाए ताकि वे इस बुराई से बाहर आकर अपने पैरों पर खड़े हो सकें। उन्होंने कहा कि इन मरीजों को इलाज के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में मुफ्त प्रशिक्षण दिया जाएगा। पहले चरण में 80 मरीजों को लिया जाएगा, जिन्हें विभिन्न सरकारी व निजी नशा मुक्ति और पुनर्वास केंद्रों से चयनित किया जाएगा। इन्हें एक दिन से लेकर 15 दिन तक के शॉर्ट टर्म कोर्स करवाए जाएंगे।

प्रशिक्षण व प्रमाणपत्र दोनों मिलेंगे:
इन मरीजों को आरसेटी, पशुपालन, बागवानी, आईटीआई, केवीके, डेयरी विकास, मत्स्य पालन और अन्य विभागों व संस्थानों के माध्यम से प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। ये संस्थान युवाओं को प्रशिक्षण के साथ प्रमाणपत्र भी देंगे ताकि नशा छोड़ने के बाद जब वे काम शुरू करें तो उन्हें किसी तरह की दिक्कत न हो।

रोजगार योजनाओं से होगा जुड़ाव:
डिप्टी कमिश्नर ने जिला रोजगार सृजन और प्रशिक्षण अधिकारी श्रीमती सिंपी सिंगला को निर्देश दिए कि वे लीड बैंक मैनेजर, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन जैसे संस्थानों को भी इस मुहिम से जोड़ें ताकि नए काम शुरू करने के इच्छुक युवाओं को ऋण और अन्य सरकारी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा सकें। उन्होंने संबंधित अधिकारी को प्रशिक्षण कोर्सों की सूची तैयार कर भेजने को भी कहा। साथ ही नशा मुक्ति और पुनर्वास केंद्रों को मरीजों का डेटा प्रशासन को भेजने के निर्देश दिए।

स्थायी स्किल सेंटर की योजना:
श्री ऋषि ने कहा कि संगरूर जिले में स्किल डेवलपमेंट मिशन के अंतर्गत स्थायी रूप से एक स्किल डेवलपमेंट सेंटर स्थापित करने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा जाएगा ताकि जिले के अधिक से अधिक युवाओं को कौशलयुक्त बनाया जा सके।

प्रशंसा और अपील:
इस मौके पर उन्होंने चीमा स्थित बड़ू साहिब नशा मुक्ति केंद्र की सराहना की, जो अपने स्तर पर युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दे रहा है। उन्होंने अधिकारियों और केंद्रों के प्रबंधकों से कहा कि वे समय-समय पर युवाओं से संवाद करते रहें और उनकी स्थिति का फीडबैक लेते रहें ताकि नशे की स्थिति और सुधार का अंदाजा लगाया जा सके।

अंत में:
डिप्टी कमिश्नर श्री संदीप ऋषि ने सभी अधिकारियों और नशा मुक्ति व पुनर्वास केंद्रों के प्रबंधकों से पंजाब सरकार की “नशे के खिलाफ जंग” मुहिम को सफल बनाने और एक स्वस्थ समाज की स्थापना में प्रशासन का सहयोग करने की अपील की।