06 जून 2025 फैक्टर रिकॉर्डर
Punjab Desk: पंजाब में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक्शन मोड में मान सरकार, SSP विजिलेंस सस्पेंड, कांग्रेस नेता आशु से जुड़ा मामला गरमाया पंजाब की भगवंत मान सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी मुहिम को और तेज कर दिया है। ताजा कार्रवाई में लुधियाना रेंज के SSP विजिलेंस जगतप्रीत सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है। यह कार्रवाई कांग्रेस नेता भारत भूषण आशु को समन जारी किए जाने के बाद हुई, जिससे मामला और भी अधिक राजनीतिक रंग ले चुका है।
क्या है पूरा मामला?
सूत्रों के अनुसार, SSP जगतप्रीत सिंह ने कांग्रेस नेता भारत भूषण आशु को 6 जून को पेश होने के लिए विजिलेंस समन भेजा था। लेकिन जांच में सामने आया कि यह समन बिना किसी आधिकारिक आदेश के जारी किया गया और इसमें आशु और SSP के बीच मिलीभगत के संकेत मिले। आरोप है कि दोनों के बीच सीधा संपर्क था और आशु ने ही पहले इन्हें DSP पद पर नियुक्त करवाया था।
बताया जा रहा है कि लुधियाना वेस्ट उपचुनाव से पहले सहानुभूति बटोरने के मकसद से आशु ने खुद के खिलाफ समन जारी करवाने की योजना बनाई थी। इसी कारण SSP पर कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबन के दौरान चंडीगढ़ के डीजीपी ऑफिस से अटैच कर दिया गया है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्ती
यह पहली बार नहीं है जब मान सरकार ने भ्रष्टाचार को लेकर सख्त रुख अपनाया है। हाल ही में पंजाब विजिलेंस ब्यूरो के चीफ, AIG और अन्य अफसरों को भी भ्रष्टाचार के आरोपों में सस्पेंड किया गया था। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने साफ संदेश दिया है कि जो भी भ्रष्टाचार करेगा या भ्रष्टाचारियों को बचाएगा, वह चाहे किसी भी पद पर क्यों न हो, बख्शा नहीं जाएगा।
सीएम का दो टूक संदेश
मुख्यमंत्री ने कहा, “भ्रष्टाचार करने वालों में अब कोई अपना-पराया नहीं है। सरकार जनता के विश्वास को टूटने नहीं देगी।” मान सरकार प्रदेश में भ्रष्टाचार के साथ-साथ नशे के खिलाफ भी कड़ा अभियान चला रही है और प्रशासनिक अमले को चेतावनी दे चुकी है कि अब कोई रियायत नहीं दी जाएगी।
निष्कर्ष
SSP जगतप्रीत सिंह का निलंबन और कांग्रेस नेता भारत भूषण आशु को लेकर उठे सवालों ने पंजाब की राजनीति में हलचल बढ़ा दी है। मान सरकार की यह कार्रवाई न केवल प्रशासन को सख्त संदेश देती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति अब ज़मीन पर उतारी जा रही है।
