01 जुलाई 2025 फैक्टर रिकॉर्डर
Education Desk: UP सरकार का बड़ा कदम: स्कूल से बाहर बच्चों की होगी पहचान, SHARDA योजना के तहत शुरू होगा राज्यव्यापी सर्वे उत्तर प्रदेश सरकार ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। स्कूल से बाहर रहने वाले बच्चों की पहचान कर उन्हें औपचारिक शिक्षा प्रणाली से जोड़ने के उद्देश्य से सरकार राज्यभर में SHARDA (स्कूल हर दिन आएं) अभियान के तहत घर-घर सर्वेक्षण कराएगी। यह सर्वेक्षण चरणबद्ध रूप से किया जाएगा और इसकी सख्त निगरानी की जाएगी।
दो चरणों में चलेगा सर्वेक्षण
अधिकारिक जानकारी के अनुसार, पहला चरण 1 जुलाई से 31 जुलाई 2025 तक और दूसरा चरण 16 अगस्त से 15 सितंबर 2025 तक चलेगा। इसका उद्देश्य 6 से 14 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों की पहचान करना और उनका स्कूलों में नामांकन सुनिश्चित करना है।
झुग्गी, भट्ठों और प्रवासी समुदायों पर विशेष फोकस
सर्वेक्षण में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ झुग्गी-झोपड़ियों, ईंट भट्ठों, खदानों, होटलों, आदिवासी क्षेत्रों और खानाबदोश प्रवासी परिवारों को शामिल किया जाएगा। ड्रॉपआउट माने जाने वाले वे बच्चे होंगे जिनका कभी नामांकन नहीं हुआ या जो 30 से अधिक दिनों से स्कूल से अनुपस्थित हैं, या जिन्होंने वार्षिक मूल्यांकन/NAT में 35% से कम अंक प्राप्त किए हैं।
नामांकन के बाद होगा मूल्यांकन
सर्वेक्षण के बाद बच्चों को उनकी आयु के अनुसार उपयुक्त कक्षाओं में नामांकित किया जाएगा और 15 दिन बाद SHARDA ऐप के माध्यम से उनका शैक्षणिक मूल्यांकन किया जाएगा। आगे चलकर अक्टूबर, जनवरी और मार्च 2026 में तिमाही मूल्यांकन किए जाएंगे।
स्कूल स्तर की टीमें निभाएंगी अहम भूमिका
हर स्कूल में एक टीम बनेगी जिसमें प्रधानाध्यापक, शिक्षक, शिक्षा मित्र, प्रशिक्षक, बीटीसी प्रशिक्षु, NGO के स्वयंसेवक और अन्य विभागों के कर्मचारी शामिल होंगे। यह टीमें मोहल्लों, बस्तियों या वार्डों में जाकर बच्चों की पहचान करेंगी।
प्रवासी बच्चों को मिलेगा सहयोग
प्रवास कर चुके बच्चों को उनके नए स्कूल में दाखिले में मदद के लिए प्रवास प्रमाण पत्र दिए जाएंगे। शिक्षक नियमित रूप से घरों का दौरा करेंगे और माता-पिता से संवाद कर बच्चों की उपस्थिति सुनिश्चित करेंगे।
गरीब बच्चों को जोड़ा जाएगा कल्याण योजनाओं से
बेहद गरीब परिवारों के बच्चों को समाज कल्याण विभाग, श्रम विभाग जैसी एजेंसियों की योजनाओं से जोड़ा जाएगा ताकि उनकी शिक्षा लगातार जारी रह सके।
“शिक्षा हर बच्चे का अधिकार ही नहीं, भविष्य की गारंटी भी”: शिक्षा मंत्री
बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा, “मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार शिक्षा को केवल अधिकार नहीं बल्कि हर बच्चे के उज्जवल भविष्य की गारंटी मानती है। अगर कोई बच्चा स्कूल नहीं पहुंच सका, तो सरकार खुद शिक्षा उसके दरवाज़े तक पहुंचाएगी। SHARDA जैसे अभियानों के ज़रिए हम राज्य में शैक्षिक समावेशन को मज़बूती देंगे।”