अंबाला के गांव जगधौला स्थित प्राचीन शीतला माता मंदिर।
हरियाणा के अंबाला जिले के मुलाना के गांव जागधौली में आज प्राचीन शीतला माता के मेले का आयोजन किया जाएगा। मेले के आयोजन को लेकर तैयारियां देर शाम तक पूरी कर ली गईं। अंबाला में लगने वाला यह काफी पुराना व पारंपरिक मेला है। यह मेला हर साल होली के बाद आने
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मान्यता है कि यहां पर श्रद्धालु मन्नत मांगते हैं कि उनके बच्चे रोगों से दूर और सही सलामत रहें। मन्नत पूरी होने पर परंपरा के अनुसार श्रद्धालु मिट्टी से बने एक बर्तन कंडेरा को चढ़ाते हैं। सुरक्षा के लिए मेले में सीसीटीवी से निगरानी की जाएगी। मेले में दूर दराज से श्रद्धालु मन्नत मांगने यहां जरूर आते हैं। पंजाब, हिमाचल, उत्तर प्रदेश और अन्य प्रदेशों से लाखों की संख्या में श्रद्धालु मत्था टेकने यहां आते हैं।
बच्चों का होता है मुंडन
मेले में दूर दराज से श्रद्धालु आकार बच्चों का पहला मुंडन भी कराते हैं। वहीं यहां बच्चों के मुंडन होने के बाद बच्चे हमेशा निरोगी रहते हैं। माता शीतला उनका सारे रोग हर लेती है। साथ ही नवविवाहित युगल माथा टेकने आते हैं।
इस वर्ष 16.11 लाख में मंदिर का ठेका
जागधौली सरपंच पति रणदीप राणा ने बताया कि शीतला माता के मंदिर का हर साल चढ़ावे का ठेका दिया जाता है। मेले की परंपरा के अनुसार ठेकेदार के घर से माता की ज्योत लाई जाती है और शीतला माता को जो पहला भोग लगाया जाता है। वह ठेकेदार के घर के बासी भोजन का ही लगाया जाता है। यह मेले की परंपरा बहुत प्राचीन समय से चल रही है। इस बार ठेकेदार तिलकराज के घर से आए भोजन का भोग लगाया जाएगा। साथ ही मंदिर कमेटी की ओर से दंगल भी होता है।

आधी रात को लगता है भोग
शीतला माता की पूजा होली के पश्चात आने वाले प्रथम मंगलवार को होती है। शीतला माता की पूजा विधि विधान के साथ की जाती है। शुद्धता का पूर्ण ध्यान रखा जाता है। इस विशिष्ट उपासना में एक दिन पूर्व देवी को भोग लगाने के लिए बासी खाने का भोग यानी बसौ़डा उपयोग में लाया जाता है। बासी वस्तुओं का नैवेद्य शीतला माता को अर्पित किया जाता है।
जागधौली सरपंच पति रणदीप राणा ने बताया कि पूजन व भोग सोमवार व मंगलवार को आधी रात 12 बजे किया जाएगा। यह मेला गांव के लिए किसी उत्सव से कम नहीं होता। इस मेले में समस्त गांववासी अपना पूरा सहयोग देते हैं।
माता शीतला हरती है चेचक रोग
शीतला माता एक प्रमुख हिंदू देवी के रूप में पूजी जाती है। मां शीतला चेचक (माता निकलना) जैसे रोग को हरने वाली देवी हैं। इस दिन पूजा करने से देवी प्रसन्न होती हैं और समस्त शीतला जनित दोष दूर हो जाते हैं यानी दाहज्वर, पीतज्वर, चेचक, दुर्गंध युक्त फोड़े, नेत्र विकार आदी रोग दूर होते हैं। शीतला माता स्वच्छता की अधिष्ठात्री देवी मानी जाती है। इसलिए शीतला माता की पूजा का विधान पूर्णत: महत्वपूर्ण है।