16 मई, 2025 Fact Recorder
Sankashti Chaturthi 2025: एकदंत संकष्टी चतुर्थी पर ऐसे करें गणेश पूजन, जानें शुभ मुहूर्त, विधि, भोग और मंत्र
सनातन धर्म में भगवान गणेश की पूजा को अत्यंत शुभ और मंगलकारी माना गया है। हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाई जाने वाली संकष्टी चतुर्थी सभी कष्टों और बाधाओं को दूर करने वाली मानी जाती है। इस बार एकदंत संकष्टी चतुर्थी 16 मई 2025 को मनाई जा रही है। इस दिन गणेश जी के एकदंत स्वरूप की विशेष पूजा की जाती है।
शुभ मुहूर्त (Sankashti Chaturthi 2025 Shubh Muhurat)
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस दिन चंद्रोदय रात 10:39 बजे होगा।
अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:50 से दोपहर 12:45 तक रहेगा।
पूजा विधि (Sankashti Chaturthi 2025 Puja Vidhi)
- सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- पूजा स्थल को साफ करके गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें।
- उन्हें चंदन, कुमकुम, हल्दी, अक्षत व फूल अर्पित करें।
- धूप-दीप जलाकर पूजन करें।
- गणेश जी को मोदक या लड्डू का भोग लगाएं। फल, मिठाई व मेवे भी अर्पित किए जा सकते हैं।
- संकष्टी चतुर्थी व्रत कथा पढ़ें या सुनें।
- गणेश चालीसा या मंत्रों का जाप करें।
- अंत में आरती कर प्रसाद बांटें।
- व्रत के दौरान उपवास रखें, या फलाहार करें।
- व्रत चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही खोलें।
भगवान गणेश के प्रिय भोग (Sankashti Chaturthi 2025 Bhog)
- मोदक गणेश जी का सबसे प्रिय भोग है।
- साथ ही लड्डू, विशेषकर बेसन और मोतीचूर के लड्डू, और गुड़ से बनी मिठाइयाँ भी चढ़ाई जा सकती हैं।
- श्रद्धा अनुसार फल और अन्य मिठाइयाँ भी अर्पित की जा सकती हैं।
पूजन मंत्र (Sankashti Chaturthi 2025 Puja Mantra)
ॐ गं गणपतये नमः
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं गं गणपतये
वर वरद सर्व जनं मे वशमानय स्वाहा॥
इस विशेष दिन पर श्रद्धापूर्वक पूजन करने से भगवान गणेश सभी विघ्नों को दूर कर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।












