Russia-Ukraine Ceasefire: जेलेंस्की पर भरोसे से हिचके पुतिन, बोले- वैध अधिकारियों के हस्ताक्षर से ही मान्य होगा समझौता

20 जून 2025 फैक्टर रिकॉर्डर

International Desk: रूस-यूक्रेन संघर्ष: पुतिन ने जेलेंस्की की वैधता पर उठाए सवाल, कहा—संधि पर सिर्फ ‘वैध हस्ताक्षर’ होंगे मान्य                                                                                                          यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की का आधिकारिक कार्यकाल पिछले साल समाप्त हो गया था, लेकिन मार्शल लॉ लागू होने के कारण चुनाव नहीं हो सके और वह अब भी राष्ट्रपति पद पर बने हुए हैं। इसी बीच, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने संघर्षविराम वार्ता को लेकर गंभीर चिंता जताई है।

सेंट पीटर्सबर्ग इंटरनेशनल इकोनॉमिक फोरम में बोलते हुए पुतिन ने कहा कि रूस यूक्रेन के साथ शांति वार्ता के लिए तैयार है, लेकिन किसी भी समझौते को कानूनी रूप से मान्यता तभी मिलेगी जब उस पर वैध अधिकारियों के हस्ताक्षर होंगे।

“सिर्फ प्रचार नहीं, कानूनी वैधता जरूरी”: पुतिन
पुतिन ने स्पष्ट कहा,

“यदि यूक्रेनी राज्य बातचीत के लिए किसी प्रतिनिधि को नामित करता है, तो वह उनकी मर्जी है। लेकिन सवाल यह है कि दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर कौन करेगा? हम केवल प्रचार नहीं, कानूनी वैधता पर ध्यान देते हैं।”

रूसी राष्ट्रपति के मुताबिक, यूक्रेनी संविधान के अनुसार राष्ट्रपति के कार्यकाल समाप्त होने की स्थिति में संसद के अध्यक्ष को पदभार सौंपा जाना चाहिए। जेलेंस्की का तर्क है कि युद्धकाल में वे पद पर बने रह सकते हैं, लेकिन पुतिन इसे लेकर आशंकित हैं।

“जेलेंस्की की स्थिति संदिग्ध, उनके आदेशों की वैधता भी सवालों में”
पुतिन ने कहा कि यदि किसी अवैध व्यक्ति द्वारा समझौते पर हस्ताक्षर किए गए, तो भविष्य में कोई भी रूसी नेता उसे मान्यता नहीं देगा। उन्होंने यह भी कहा कि जेलेंस्की द्वारा नियुक्त किए गए अधिकारियों की वैधता पर भी सवाल उठते हैं।

रूस ने लौटाए 1,212 यूक्रेनी सैनिकों के अवशेष
इस बीच, रूस ने यूक्रेन को 1,212 मृत सैनिकों के शव लौटाए हैं। यह आदान-प्रदान इस महीने की शुरुआत में इस्तांबुल में हुई बातचीत के बाद संभव हुआ। रूस के कुर्स्क, डोनेट्स्क, लुगांस्क, खेरसॉन, और ज़ापोरोज़े क्षेत्रों के साथ-साथ यूक्रेन के खार्किव से ये अवशेष बरामद किए गए।

रूस को भी इस प्रक्रिया में अपने 27 सैनिकों के शव वापस मिले।
क्रेमलिन के अधिकारी व्लादिमीर मेडिंस्की ने इस पहल को “पूरी तरह मानवीय कार्रवाई” बताया, जबकि रूसी लेफ्टिनेंट जनरल अलेक्जेंडर जोरिन ने कहा कि मॉस्को समझौते के प्रति प्रतिबद्ध है, लेकिन कीव की ओर से देरी हो रही है।

निष्कर्ष
पुतिन की ओर से जेलेंस्की की वैधता पर सवाल उठाया जाना रूस-यूक्रेन शांति वार्ता के रास्ते में नई अड़चन बन सकता है। जबकि दोनों देश संघर्षविराम के संकेत दे रहे हैं, कानूनी और संवैधानिक पहलुओं पर सहमति बनाना अब वार्ता की बड़ी चुनौती है।