वधिक डिप्टी कमिश्नर चारूमिता द्वारा आरसेटी मोगा की तिमाही बैठक की अध्यक्षता

कहा! भविष्य की नई तकनीकों पर आधारित कार्यमुखी कोर्स शामिल किए जाएं                                  आरसेटी के 9070 शिक्षार्थियों में से 6794 आत्मनिर्भर बन चुके हैं – निदेशक आरसेटी

मोगा, 30 जून 2025 फैक्टर रिकॉर्डर

Punjab Desk:  वधिक डिप्टी कमिश्नर (जिला) मोगा श्रीमती चारूमिता ने ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्था (आरसेटी) की तिमाही समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में उनके साथ लीड बैंक मैनेजर चिरंजीव सिंह, डी.डी.एम. नाबार्ड राशदी लेखी, डी.आई.सी. से निर्मल सिंह, एस.आर.एल.एम. से गगनदीप साहि, एस.सी.एस.टी. कॉर्पोरेशन से डी.पी. चौहान के अलावा अन्य विभागों के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।

इस अवसर पर वधिक डिप्टी कमिश्नर श्रीमती चारूमिता ने आरसेटी के प्रतिनिधियों को निर्देश दिए कि आरसेटी आने वाले शिक्षार्थियों को प्रभावशाली तरीके से स्वरोजगार अपनाकर अपने पैरों पर खड़ा होने के लिए प्रेरित करने पर जोर दिया जाए ताकि वे अपने अपनाए जाने वाले काम-धंधे के लिए भविष्य की योजना तैयार करके दृढ़ संकल्प के साथ उस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए प्रयास करें। उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि आरसेटी के अधीन करवाए जाने वाले कोर्सों में भविष्य की नई तकनीकों पर आधारित कार्यमुखी कोर्सों की शुरुआत की जाए ताकि युवाओं को इस प्रशिक्षण के आधार पर अपना व्यवसाय शुरू करने और उसकी सफलता के मार्ग में कोई कठिनाई न आए। उन्होंने नेटवर्किंग, कंप्यूटर संबंधी कोर्स, लैपटॉप रिपेयर, वीडियोग्राफी आदि आधुनिक तकनीकों वाले कार्यमुखी कोर्सों को इन कोर्सों में शामिल करने के निर्देश दिए।

वधिक डिप्टी कमिश्नर ने इंडस्ट्रीज के साथ तालमेल करके उनकी मांग के अनुसार शिक्षार्थियों को प्रशिक्षण देने का भी निर्देश दिया ताकि शिक्षार्थियों को जल्द से जल्द रोजगार मिल सके। उन्होंने कहा कि कंप्यूटर में अच्छी महारत होने से भी शिक्षार्थियों को रोजगार या स्वरोजगार हासिल करने में कोई कठिनाई नहीं होती। इसलिए इन कोर्सों का भी शिक्षार्थियों को आरसेटी के जरिए प्रभावशाली तरीके से लाभ दिलाया जाए।

बैठक में उपस्थित आरसेटी निदेशक गौरव कुमार ने वधिक डिप्टी कमिश्नर को बताया कि 2009 से शुरू हुई इस संस्था द्वारा अब तक विभिन्न प्रशिक्षण कोर्सों में 9070 शिक्षार्थियों ने सिलाई कढ़ाई, ब्यूटी पार्लर, डेयरी फार्मिंग, कंप्यूटर बेसिक और प्लंबर आदि विभिन्न कोर्सों की शिक्षा प्राप्त की है। इनमें से 6794 शिक्षार्थी अपना खुद का धंधा शुरू करके आत्मनिर्भर बनने में सफल हुए हैं और बाकी शिक्षार्थियों को आत्मनिर्भर बनने के लिए बैंकों से ऋण भी उपलब्ध करवाया जा चुका है।

इस अवसर पर निदेशक ने आरसेटी संस्था की तिमाही रिपोर्ट देते हुए बताया कि मार्च 2025 तक विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों के अंतर्गत 1012 शिक्षार्थियों ने सफलतापूर्वक प्रशिक्षण प्राप्त किया है। इन प्रशिक्षित शिक्षार्थियों में से 712 शिक्षार्थियों ने अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने में सफलता हासिल कर ली है और 382 शिक्षार्थियों को बैंक से व्यवसाय स्थापित करने के लिए ऋण उपलब्ध करवाया गया है।