पंजाब किसान आंदोलन: शंभू खानौरी बॉर्डर पर किसानों को 72 घंटे पहले हटाने की योजना, पंधेर-डल्लेवाल की गैरमौजूदगी में बॉर्डर खाली

20/March/2025 Factrecorder

पंजाब पुलिस ने कल बुधवार को किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल, सरवण पंधेर समेत 200 किसानों को हिरासत में ले लिया था। शंभू और खनौरी बॉर्डर को 13 महीने बाद पंजाब पुलिस ने खाली करा लिया। अब दोनों बॉर्डर से सीमेंट की बैरिकेडिंग हटाने का काम चल रहा है। शाम तक वाहनों की आवाजाही शुरू होने की संभावना है। सबसे बड़ा सवाल यही है कि पंजाब पुलिस ने 19 मार्च को ही बॉर्डर खाली करापुलिस सूत्रों के मुताबिक, टकराव से बचने के लिए पंजाब पुलिस ने 72 घंटे पहले ही योजना बना ली थी। इसलिए पुलिस ने किसान नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों से मीटिंग वाला दिन चुना। पुलिस को पता था कि किसान आंदोलन के बड़े चेहरे सरवण सिंह पंधेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल मीटिंग के लिए चंडीगढ़ आएंगे। इस वजह से दोनों बॉर्डरों से किसानों को हटाने में ज्यादा दिक्कत नहीं आएगी।सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत जगह खाली कराने व रिपोर्ट सब्मिट करने के निर्देश के बाद पंजाब सरकार ने पुलिस को हर हाल में टकराव रोकने के आदेश दिए थे। किसान आंदोलन को लेकर मान सरकार की आलोचना हो रही थी। बड़े कारोबारियों को करोड़ों का नुकसान हो रहा था।पुलिस ने पहले योजना बनाई। फिर गुप्त बैठक में 2 IAS अधिकारी और 4 IPS अधिकारी शामिल हुए। योजना के तहत कमांडो बटालियन के साथ 1,500 पुलिसकर्मी और अधिकारी तैनात किए गए।

रात 1 बजे पुलिसबल लगाया पुलिस को आदेश यही थे कि जैसे ही किसान नेता मोहाली में प्रवेश करें, उन्हें हिरासत में ले लिया जाए, लेकिन उन्हें पुलिस स्टेशनों में नहीं, बल्कि बड़े ट्रेनिंग सेंटर में रखें। अगर कार्रवाई के समय खनौरी और शंभू बॉर्डर पर बड़े किसान नेता मौजूद होते तो खूनी झड़प हो सकती थी। ऐसे में योजना यही थी कि जब पंधेर और डल्लेवाल मोर्चे से दूर होंगे, तभी कार्रवाई की जाए।

18-19 फरवरी की रात करीब 1 बजे तक संगरूर समेत अन्य स्थानों पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की अगुआई में पुलिसबल तैनात कर दिया गया। सुबह 4 बजे किसान नेताओं को इसकी भनक लग चुकी थी, लेकिन वे बैठक की तैयारियों में व्यस्त थे। मोबाइल नेटवर्क भी बंद किए गए।

19 फरवरी दोपहर को चंडीगढ़ में केंद्र के साथ किसान नेताओं की बैठक चल रही थी, तब राज्य पुलिस और खुफिया एजेंसियां लगातार योजना को लागू करने में जुटी थीं। जैसे ही मीटिंग के बाद किसान नेता निकले तो उन्हें हिरासत में लेने की प्रक्रिया शुरू की गई।किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को पंजाब पुलिस ने संगरूर में हिरासत में लिया था।

पंधेर ने पहले कहा था- अचानक पुलिस फोर्स बढ़ाई बुधवार को चंडीगढ़ में केंद्रीय मंत्रियों से मीटिंग से पहले किसान मजदूर मोर्चा के संयोजक सरवण सिंह पंधेर ने कहा था कि पंजाब पुलिस ने अचानक शंभू और खनौरी बॉर्डर पर पुलिस फोर्स बढ़ा दी है। पता नहीं सरकार ने ऐसा हमारी सुरक्षा के लिए किया है या कोई और बात है। हम इस मुद्दे को मीटिंग में उठाएंगे।

ये तस्वीर 19 मार्च की है। चंडीगढ़ में केंद्रीय मंत्रियों और किसान नेताओं की सातवें दौर की वार्ता हुई थी।

ये तस्वीर 19 मार्च की है। चंडीगढ़ में केंद्रीय मंत्रियों और किसान नेताओं की सातवें दौर की वार्ता हुई थी।

चंडीगढ़ में किसान नेताओं और केंद्र के बीच मीटिंग बुधवार को चंडीगढ़ में किसान नेताओं और केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों के बीच सातवें दौर की बातचीत हुई। इस मीटिंग में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज चौहान, पीयूष गोयल और प्रह्लाद जोशी शामिल थे। सुबह 11 बजे शुरू हुई मीटिंग 4 घंटे चली, लेकिन कोई हल नहीं निकला।

मीटिंग में किसान संगठन MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की गारंटी के कानून की मांग पर अड़े रहे। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसानों की ओर से जो लिस्ट शेयर की गई है, उनसे कुछ इश्यू आ सकते हैं। वे किसानी से जुड़े सभी मंत्रालयों से इसके बारे में चर्चा करना चाहते हैं, तो समय लग सकता है। इस पर वार्ता 4 मई को दोबारा करने पर सहमति बनी।

मीटिंग में पंजाब सरकार ने किसानों को बॉर्डर खाली करने को कहा, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। जिसके बाद मीटिंग से लौट रहे सर‌वण पंधेर को मोहाली में एयरपोर्ट रोड पर पुलिस ने घेर लिया। वहीं जगजीत डल्लेवाल एम्बुलेंस में खनौरी बॉर्डर लौट रहे थे, पुलिस ने उन्हें संगरूर में घेर लिया।

किसान नेताओं को हिरासत में लेती पंजाब पुलिस और उसके विरोध में पुलिस से भिड़ते किसान।

किसान नेताओं को हिरासत में लेती पंजाब पुलिस और उसके विरोध में पुलिस से भिड़ते किसान।

पुलिस और किसानों के बीच धक्कामुक्की पुलिस डल्लेवाल को एम्बुलेंस समेत ही हिरासत में लेकर चली गई। यही नहीं किसान नेता काका सिंह कोटड़ा, अभिमन्यु कोहाड़, मनजीत राय, ओंकार सिंह को भी हिरासत में लिया गया।

किसान नेताओं को हिरासत में लेने पर किसान भड़क गए। संगरूर में पुलिस-किसानों के बीच धक्कामुक्की हुई। किसानों ने पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की। हालांकि पंजाब पुलिस पहले से ही तैयारी में थी और भारी फोर्स की वजह से सभी किसान हिरासत में ले लिए गए।

शंभू और खनौरी बॉर्डर खाली करवाए, शेड तोड़े इसके बाद शाम करीब 8 बजे पंजाब पुलिस ने दोनों बॉर्डरों को खाली करना शुरू कर दिया। बॉर्डरों पर भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई। किसानों को यहां हटाकर उनके शेडों और टेटों पर बुलडोजर चलाया गया।

शंभू बॉर्डर पर किसानों के मेन मंच पर लगे पोस्टरों को हटाते पुलिस कर्मचारी।

शंभू बॉर्डर पर किसानों के मेन मंच पर लगे पोस्टरों को हटाते पुलिस कर्मचारी।

SSP बोले- किसानों ने अच्छा सहयोग किया पटियाला के SSP नानक सिंह ने कहा कि ड्यूटी मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में पुलिस ने उन्हें चेतावनी देने के बाद इलाके को खाली करा दिया। कुछ लोगों ने घर जाने की इच्छा जताई। इसलिए उन्हें बस में बैठाकर घर भेज दिया गया। हमें कोई बल प्रयोग करने की जरूरत नहीं पड़ी, क्योंकि कोई विरोध नहीं हुआ। किसानों ने अच्छा सहयोग किया।किसान आंदोलन के चलते पंजाब-हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर की गई बैरिकेडिंग हटाई जा रही है। हरियाणा पुलिस गुरुवार सुबह से इसे हटा रही है। किसानों को दिल्ली जाने से रोकने के लिए सीमेंट की यह बैरिकेडिंग की गई थी।