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Pran Vayu Devata Yojana Haryana Update; Samalkha| Panipat | हरियाणा में बुजुर्ग पेड़ों की पेंशन के आवेदन शुरू: 30 जून आखिरी तिथि; पानीपत के 58 पात्र शामिल, 75 साल पुराना होगा पेड़, 2750 रुपए मिलेगी पेंशन – Panipat News

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75 वर्ष से ज्यादा पुराने पेड़ों को योजना में शामिल किया जाएगा।

हरियाणा में वन्य एवं वन्यजीव विभाग ने प्राण वायु देवता पेंशन के तहत नए वृक्षों का चयन करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। साल 2023 में प्राण वायु देवता पेंशन योजना शुरू की गई थी। जिसके तहत पहले ही 3819 चयनित प्राण वायु देवता वृक्षों को पेंशन दी जा रही ह

यह राशि संबंधित भू स्वामी या संस्था को दी जाएगी जिसकी जमीन पर वृक्ष खड़ा है। यह पेंशन राशि प्राण वायु देवता वृक्ष की देख रेख व सुरक्षा पर खर्च की जाएगी तथा इस पेंशन राशि में बुढ़ापा पेंशन राशि की तर्ज पर समय समय पर बढ़ोतरी की जाएगी।

30 जून शाम 5 बजे तक जमा होंगे आवेदन

जिन भू स्वामियों की जमीन पर 75 वर्ष या इससे अधिक आयु के वृक्ष मौजूद हैं, वह इस योजना के तहत लाभ पाने के लिए आवेदन कर सकते हैं। आवेदन पत्र प्राप्त करने व जमा करने के लिए अपने क्षेत्र के वन राजिक अधिकारी व वन मण्डल अधिकारी के कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं। आवेदन पत्र जमा कराने की अंतिम तिथि 30 जून 2025 शाम 5 बजे तक होगी। प्राप्त आवदेनों पर अंतिम निर्णय जिला स्तरीय कमेटी द्वारा लिया जाएगा। अंतिम तिथि के बाद प्राप्त आवदेन पत्रों पर कोई विचार नहीं किया जाएगा ।

इन पेड़ों को दी जाएगी प्राथमिकता

इस योजना के तहत पानीपत में 58 पात्रों को चयनित किया जा चुका है। अब नए आवेदनों के बाद इन पात्रों की संख्या बढ़ सकती है। इनमें 17 पेड़ समालखा रेंज में है। वन रेंज अधिकारी स्कीम 2021 में शुरू करते हुए पानीपत जिले में 75 पेड़ों का चयन किया गया था। उनके मालिकों को सालाना 2750 रुपए पेंशन शुरू की गई है।

रेंज अधिकारी के मुताबिक ऐसे पेड़ों के चयन के लिए एक कमेटी बनाई गई है। इसमें डिवीजनल फारेस्ट अधिकारी को चेयरमैन, डीसी पानीपत, पंचायत/म्युनिसिपल बॉडी, रिप्रेजेन्टेटिव ऑफ़ हरियाणा स्टेट बायो-डाइवर्सिटी को मेम्बर और वन रेंज अधिकारी को मेंबर सेक्रेटरी फॉर रेस्पेक्टिव फारेस्ट रेंज बनाया हुआ है।

उन्होंने बताया कि पीपल, बरगद, आम, जाल, जामुन, निंबू, बूलर, पिलखन आदि के पेड़ भी 75 वर्ष के पाए जाते हैं। रेंज अधिकारी ने कहा अगर किसी के घर, खेत व अन्य जगहों पर 75 या इससे अधिक वर्ष पुराना पेड़ है तो वह वन विभाग को सूचना देकर उसकी पेंशन बनवा सकता है।