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दुनिया में सिर्फ 23 बच्चों को है यह खतरनाक बीमारी, वैज्ञानिक अब तक नहीं खोज पाए इसका नाम

11 Feb 2025: Fact Recorder

चार सप्ताह का बच्चे में एक दुर्लभ खतरनाक जेनेटिक बीमारी का पता चला है. जिसमें उसका दिल ठीक से पंप नहीं कर रहा है. इस तरह की बीमारी दुनिया में अबतक 23 बच्चों को है|

चार सप्ताह का बच्चे में एक दुर्लभ खतरनाक जेनेटिक बीमारी का पता चला है. जिसमें उसका दिल ठीक से पंप नहीं कर रहा है. जिसके कारण उसके दिमाग तक ब्लड नहीं पहुंच रहा है. इसके कारण सांस लेने की दिक्कत के साथ-साथ दिमाग का विकास भी नहीं हो रहा है. यह बीमारी इतनी ज्यादा खतरनाक है. इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि अब तक पूरी दुनिया में इससे 23 बच्चे पीड़ित हैं. आज हम ऐसे ही एक बच्चे के बारे में विस्तार से बात करेंगे. अब तक इस खतरनाक जेनेटिक बीमारी के नाम का पता नहीं चल पाया है.

8 जनवरी को ‘वॉटफोर्ड जनरल अस्पताल’ में जन्मे टॉमी पैरी को बेहद खतरनाक दुर्लभ माइटोकॉन्ड्रियल जीन है. जिसका साफ अर्थ है कि उसका शरीर उसके दिल को पंप करने या उसके दिमाग को काम करने के लिए एनर्जी नहीं पैदा कर रहा है. जितने उसके शरीर को जरूरत है.

23 बच्चों को हुई ये खतरनाक जेनेटिक बीमारी

एक ही जेनेटिक बीमारी से पीड़ित सभी 22 बच्चे दो महीने की उम्र तक पहुंचने से पहले ही मर गए हैं. आज हम टॉमी नाम के बच्चे का जिक्र करेंगे जिसे यह जेनेटिक दुर्लभ बीमारी है. बच्चे के जन्म के बाद ही माता-पिता को डॉक्टरों ने पहले ही चेतावनी दी थी कि बच्चा दो दिन से ज़्यादा नहीं जी पाएगा. बीमारी का पता तब चला जब उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी और डॉक्टरों ने देखा कि जन्म के समय उसकी आंखें धुंधली थीं. शुरू में उसे मोतियाबिंद होने का अनुमान लगाया गया था, लेकिन टॉमी को दो सप्ताह की उम्र में ग्रेट ऑरमंड स्ट्रीट अस्पताल में माइटोकॉन्ड्रियल जीन होने का पता चला.

दिमाग का ठीक से नहीं हुआ था विकास

हेमल हेम्पस्टेड के हर्टफ़ोर्डशायर की 30 साल की मां चैंटेल डोरन और 33 साल के पिता टॉम पैरी को बताया गया कि उनके बच्चे को बचाने के लिए कुछ भी नहीं किया जा सकता है और उन्हें उसका वेंटिलेटर बंद कर देना चाहिए. लेकिन परिवार वाले दूसरी राय लेने और इलाज खोजने की उम्मीद रख रहे थे. नर्सरी में काम करने वाली बच्चे की डोरन ने कहा कि ‘उसे मौका नहीं दिया गया. वह दो सप्ताह तक ऑक्सीजन पर था. उसने एक दिन बिना कुछ किए गुजारा. अब वह वेंटिलेटर पर है, वे कहते हैं कि यही उसे जीवित रख रहा है. लेकिन एक समय ऐसा भी था जब वह खुद सांस ले सकता था.

दुनिया में इस बीमारी से पीड़ित 22 बच्चे हैं. उनमें से कोई भी दो महीने से ज़्यादा नहीं जी पाएंगे. उन्होंने कहा कि वह ज़्यादा दिन तक नहीं जी पाएगा. हम अभी भी उम्मीद पर उम्मीद लगाए बैठे हैं. हमें बताया गया कि यह सिर्फ़ बदकिस्मती है. उन्होंने कहा कि इस समय इसका कोई नाम नहीं है क्योंकि यह बहुत दुर्लभ बीमारी है. उसका शरीर दिल को पंप करने और दिमाग को काम करने के लिए एनर्जी नहीं पैदा कर रहा है. लेकिन वह अपनी आंखें खोलता है, अपने पैर हिलाता है. जब उसकी आंखें पूरी तरह खुली होती हैं तो मुझे यह समझने में मुश्किल होती है. वह शुरू से ही संघर्ष कर रहा है.

जेनेटिक बीमारी के कुछ ऐसे दिखे लक्षण

एक सहज गर्भावस्था के बाद जन्म के समय टॉमी का वज़न 6 पाउंड 1 औंस था. जब वह पैदा हुआ तो उसे सांस लेने में थोड़ी परेशानी हो रही थी. उन्होंने उसकी मदद की. उन्होंने उसकी आंखों पर ध्यान दिया और पाया कि वे वास्तव में धुंधली थीं.