जेएनयू में नई सोसाइटी का गठन, विलुप्त हो रही प्रजातियों के संरक्षण पर होगा ध्यान

जेएनयू में नई सोसाइटी का गठन, विलुप्त हो रही प्रजातियों के संरक्षण पर होगा ध्यान

01 अक्टूबर 2025 फैक्ट रिकॉर्डर

Education Desk: जेएनयू में नई एनिमल वेलफेयर सोसाइटी का गठन, विलुप्त होती प्रजातियों के संरक्षण पर होगा फोकस                                                                                                                      नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में अब वन्यजीवों के संरक्षण और देखभाल के लिए एनिमल वेलफेयर सोसाइटी का गठन किया गया है। विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि यह किसी भी भारतीय विश्वविद्यालय में पहला वैधानिक निकाय होगा, जो वन्यजीव कल्याण के लिए समर्पित होगा।

जेएनयू के कुलगुरु प्रोफेसर शांतिश्री डी. पंडित ने इस सोसाइटी का गठन शिक्षा मंत्रालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के निर्देशों के अनुरूप किया है। कुलपति ने इस पहल को “परिवर्तनकारी” बताते हुए कहा कि एनिमल वेलफेयर केवल पाठ्यक्रम का हिस्सा नहीं बल्कि छात्रों और कैम्पस निवासियों के दैनिक जीवन में भी समाहित किया जाएगा। इस संबंध में 26 सितंबर 2025 को आधिकारिक अधिसूचना जारी की गई।

सोसाइटी की अध्यक्षता एसोसिएट डीन ऑफ स्टूडेंट, प्रोफेसर पीयूष प्रताप सिंह करेंगे, जो जेएनयू एनिमल बर्थ कंट्रोल कमेटी के अध्यक्ष भी हैं। सोसाइटी में फैकल्टी, स्टाफ, छात्र प्रतिनिधि और बाहरी सलाहकार के रूप में वन्यजीव कल्याण कार्यकर्ता गौरी मौलेखी भी शामिल हैं।

प्रोफेसर पीयूष प्रताप सिंह ने कहा कि उनकी प्राथमिकता जेएनयू में विलुप्त हो रही प्रजातियों का संरक्षण करना है। इसमें रेप्टाइल, पॉर्क्यूपाइन, नीलगाय, सियार और लोमड़ी जैसे वन्यजीव शामिल हैं। इनके परिसर में रहने और सुरक्षित रहने के लिए फेंसिंग और फीडिंग जोन बनाए जाएंगे।

सोसाइटी की टीम यह सुनिश्चित करेगी कि किसी भी घायल वन्य जीव को तत्काल प्राथमिक उपचार मिल सके। इसके अलावा जागरूकता और शैक्षणिक गतिविधियों के माध्यम से छात्रों और कर्मचारियों को वन्यजीव संरक्षण के प्रति संवेदनशील बनाया जाएगा। इसके तहत इंटर्नशिप और प्रशिक्षण के अवसर भी उपलब्ध कराए जाएंगे, ताकि कैम्पस में वन्यजीव कल्याण को स्थायी रूप से बढ़ावा मिल सके।