कृषि विज्ञान केंद्र ने प्राकृतिक खेती पर आयोजित किया प्रशिक्षण कोर्स

होशियारपुर, 10 अक्टूबर 2025 Fact Recorder


Punjab Desk : पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के तत्वावधान में कार्यरत कृषि विज्ञान केंद्र, बाहोवाल (होशियारपुर) द्वारा प्राकृतिक खेती पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन खेती भवन, गरशंकर में किया गया। यह प्रशिक्षण शिविर राष्ट्रीय प्राकृतिक कृषि मिशन के तहत कृषि और किसान कल्याण विभाग के सहयोग से आयोजित किया गया, जिसमें गरशंकर ब्लॉक के अनेक किसानों ने भाग लिया।

कार्यक्रम की शुरुआत में डॉ. प्रभजोत कौर, सहायक प्रोफेसर (पौध संरक्षण), पीएयू–कृषि विज्ञान केंद्र, होशियारपुर ने किसानों का स्वागत किया और बताया कि प्राकृतिक खेती से खेती की लागत घटती है, मिट्टी की उर्वरक शक्ति बढ़ती है तथा मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण की सुरक्षा होती है। उन्होंने किसानों को प्राकृतिक खेती में प्रयोग किए जाने वाले विभिन्न जैविक घोलों जैसे बीज अमृत, जीव अमृत, घन जीव अमृत, ब्रह्मास्त्र और अग्नि अस्त्र के बारे में विस्तार से जानकारी दी। साथ ही मल्चिंग (अच्छादन) और वापसा (मिट्टी में नमी संरक्षण) जैसी तकनीकों पर भी प्रकाश डाला।

डॉ. करमवीर सिंह गरचा, सहायक प्रोफेसर (सब्जी विज्ञान) ने प्राकृतिक खेती के सिद्धांतों की व्याख्या की और बताया कि इन्हें फलों और सब्जियों की खेती में किस प्रकार अपनाया जा सकता है। उन्होंने स्थानीय संसाधनों से बने जैविक घोलों के माध्यम से मिट्टी और फसल स्वास्थ्य की देखभाल के तरीके भी बताए। डॉ. करमवीर ने किसानों को अधिक लाभ और आने वाली पीढ़ियों के हित में प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए प्रेरित किया।

शिविर के दौरान डॉ. सुखजिंदरपाल सिंह, कृषि अधिकारी, गरशंकर ने भी किसानों से संवाद किया और बताया कि विभाग द्वारा राष्ट्रीय प्राकृतिक कृषि मिशन के तहत ब्लॉक स्तर पर लगातार प्रशिक्षण और प्रदर्शन कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं तथा इसके लिए मॉडल इकाइयाँ भी विकसित की जा रही हैं।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. जसविंदर सिंह, कृषि अधिकारी, गरशंकर ने किया और अंत में उन्होंने विशेषज्ञों एवं किसानों का इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में सहभागिता के लिए धन्यवाद किया।