10 Feb 2025: Fact Recorder
वर्ष 2025-26 के आम बजट में उत्पादन आधारित इन्सेंटिव (PLI) तथा अन्य प्रोत्साहनों से 3.34 लाख रोजगार सृजन की उम्मीद जताई गई है। इसके अलावा कई योजनाएं भी घोषित की गई हैं जिनसे लाखों रोजगार के अवसर पैदा होने की बात है। मसलन, लेदर फुटवियर और प्रोडक्ट के साथ नॉन-लेदर फुटवियर के लिए फोकस प्रोडक्ट स्कीम से 22 लाख, मत्स्य संपदा योजना से 11 लाख, पीएम रोजगार गारंटी योजना से 5.87 लाख और माइक्रो फूड प्रोसेसिंग को प्रोत्साहन से दो लाख रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है। भारत को खिलौनों का हब बनाने के लिए नेशनल एक्शन प्लान और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 50 पर्यटन स्थल विकसित करने का प्रस्ताव है। इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश और निर्यात वृद्धि जैसी योजनाओं से भी निश्चित ही रोजगार पैदा होंगे। जागरण प्राइम ने विशेषज्ञों से जाना कि बजट प्रस्तावों पर अमल से किस तरह के रोजगार पैदा होंगे और उन्हें पाने के लिए किस तरह के कौशल की जरूरत होगी। हालांकि एक सच्चाई यह भी है कि पिछले साल रोजगार के लिए जो घोषणाएं की गई थीं, उनमें से कई बड़ी योजनाएं अभी तक फाइलों में ही हैं। बजट दस्तावेजों के अध्ययन से पता चलता है कि पांच प्रमुख योजनाओं में से चार अभी ड्राफ्ट नोट के चरण में हैं, जबकि एक का पायलट प्रोजेक्ट चल रहा है।
रोजगार के लिहाज से देखें तो वित्त मंत्री निर्मला सीतरमण ने बजट भाषण में विकसित भारत के लिए ‘सौ प्रतिशत कुशल श्रमिक और अर्थपूर्ण रोजगार’ तथा ‘70 प्रतिशत महिलाओं को आर्थिक गतिविधियों में शामिल करने’ को जरूरी बताया है। इसके लिए ‘लोगों में निवेश करने’ के साथ ‘रोजगारोन्मुखी विकास’ की बात कही है।
आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के हवाले से बताया है कि अगले साल भारत की आबादी 142.59 करोड़ होगी, जिनमें कामकाजी आयु वाले 92.39 करोड़ होंगे। वर्ष 2036 में यह संख्या क्रमशः 152.23 करोड़ और 98.85 करोड़ होगी। सर्वेक्षण में 2030 तक हर साल 78.5 लाख गैर-कृषि नौकरियां सृजित करने की जरूरत बताई गई है।
रोजगार के अवसर कहां पैदा होंगे
टीमलीज सर्विसेज लिमिटेड के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (स्टाफिंग) सुब्बूरतिनम पी. जागरण प्राइम से कहते हैं, उत्पादन आधारित इंसेंटिव (PLI) तथा अन्य प्रोत्साहन के जरिए करीब तीन लाख नौकरियां सृजित होने की उम्मीद है। इनमें से दो लाख नौकरियां इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में होंगी। इसके अतिरिक्त 6,000 से अधिक लोगों को आईटी हार्डवेयर और 6,300 को टेलीकॉम में रोजगार मिलने की उम्मीद है। टेक्सटाइल सेक्टर में 35,000 से अधिक रोजगार सृजन के आसार हैं तो मॉडिफाइड स्पेशल इंसेंटिव पैकेज स्कीम (M-SIPS) में करीब 30,000 रोजगार पैदा करने का लक्ष्य है। सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री भी वर्कफोर्स के विस्तार में योगदान करेगी।
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