Mohali 10 Oct 2025 Fact Recorder
Punjab Desk : 10 अक्टूबर को करवा चौथ का पवित्र पर्व मनाया जाएगा। यह दिन विवाहित महिलाओं के लिए बेहद शुभ माना जाता है। इस अवसर पर महिलाएं अपने पति की लंबी आयु, सुख और समृद्धि के लिए निर्जला व्रत रखती हैं।
आज के समय में यह त्योहार केवल विवाहित महिलाओं तक सीमित नहीं रहा, बल्कि कई अविवाहित लड़कियां भी अपने मनचाहे जीवनसाथी की प्राप्ति के लिए यह व्रत रखती हैं।

🌸 व्रत और पूजा विधि
करवा चौथ का व्रत सुबह सरगी से शुरू होता है, जो सास द्वारा दी जाती है। सरगी खाने के बाद महिलाएं पूरे दिन बिना पानी पिए व्रत रखती हैं और शाम को चांद निकलने के बाद ही इसे खोलती हैं।
चांद को छलनी से देखकर और उसी छलनी से पति का चेहरा देखने के बाद महिलाएं पति के हाथों से पानी पीकर व्रत तोड़ती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह रिवाज पति की उम्र बढ़ाने और घर में खुशहाली लाने वाला माना जाता है।
🕒 महत्वपूर्ण समय
सरगी खाने का समय: सुबह 5:30 बजे तक
व्रत की शुरुआत: सुबह 6:19 बजे
करवा माता की पूजा का समय: शाम 5:57 बजे से 7:11 बजे तक
चांद निकलने का समय: रात 8:13 बजे
💫 त्योहार का महत्व
करवा चौथ केवल धार्मिक पर्व नहीं है, बल्कि यह पति-पत्नी के प्यार, समर्पण और विश्वास का प्रतीक है। यह दिन वैवाहिक जीवन में एक-दूसरे के प्रति प्रेम और निष्ठा को और अधिक मजबूत बनाता है तथा घर में सुख-शांति का संदेश देता है।













