केमिकल टैंक से शव को बाहर निकालते हुए पुलिस व अन्य कर्मचारी।
करनाल के काछवा-शाहपुर रोड स्थित बंद पड़ी एआर राइस मिल में सुपरवाइजर की हत्या के मामले में स्पेशल डिटेक्टिव यूनिट ने फरार आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी ने अपने साथियों के साथ मिलकर सुपरवाइजर की हत्या कर पत्थर बांधकर केमिकल वाले टैंकर में डाल दिय
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आगामी जांच शुरू कर दी है।
क्या है पूरा मामला
करनाल के काछवा-शाहपुर रोड स्थित बंद पड़ी एआर राइस मिल में सुपरवाइजर पवन कुमार की हत्या कर शव को वजनी पत्थर से बांधकर केमिकल टैंक में फेंक दिया गया था। वारदात का खुलासा छह दिन बाद 30 अगस्त 2024 को हुआ। मृतक पवन सोनीपत जिले के गांव सिकंदरपुर माजरा का रहने वाला था और 24 अगस्त को घर नहीं लौटा था।

पुलिस की गिरफ्त में आरोपी।
सिक्योरिटी एजेंसी ने दी गुमशुदगी शिकायत
पवन के लापता होने की शिकायत ‘द अलर्ट मैन ग्रुप सिक्योरिटी सर्विस’ के संचालक सोहन सिंह ने दी थी। शिकायत में बताया गया कि सुपरवाइजर पवन कुमार और सिक्योरिटी गार्ड सागर व मन्नी अचानक गायब हो गए हैं। पवन आर.ए. इंटरप्राइज राइस मिल में सुपरवाइजर था, जबकि सागर और मन्नी सिक्योरिटी गार्ड थे। तीनों के मोबाइल भी बंद आ रहे थे, जिस पर पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर जांच शुरू की थी।
परिजनों ने हत्या की जताई थी आशंका
परिजनों ने पुलिस को बताया था कि पवन की किसी से कोई रंजिश नहीं थी। वह ड्यूटी के बाद सीधा घर आता-जाता था। 24 अगस्त को वह बंद पड़े राइस मिल का निरीक्षण करने गया था, जिसके बाद से उसका कोई सुराग नहीं था। पवन का मोबाइल भी स्विच ऑफ आ रहा था और उसकी बाइक भी गायब थी। परिजनों ने पहले दिन से ही हत्या की आशंका जताई थी।
खून के निशान और टूटा मोबाइल देख गहराया शक
सदर थाना पुलिस ने 30 अगस्त को बंद पड़े मिल में छानबीन की। एक कमरे में खून के निशान और पवन का टूटा मोबाइल मिलने से शक गहरा गया। गहन तलाशी के दौरान केमिकल टैंक से पवन कुमार का शव हाथ-पैर बंधा और पत्थर से बंधा मिला। शव निकालने के लिए आठ लोगों को टैंक में उतारा गया था। शव को निकालने के बाद खाली पत्थर को निकालने में भी चार लोगों को मशक्कत करनी पड़ी थी।
हत्या से पहले दी गई थी यातना
पुलिस जांच में सामने आया कि हत्या से पहले पवन को काफी यातनाएं दी गई थीं। कमरे की दीवार और गद्दों पर खून के निशान मिले थे। शरीर पर चोट के गहरे निशान थे। मौके के हालात देखकर अंदाजा लगाया गया कि पवन ने अपनी जान बचाने के लिए खूब संघर्ष किया था, लेकिन हमलावरों ने उसे बेरहमी से मार डाला।
दो सिक्योरिटी गार्ड और राम अवतार ने रची थी साजिश
जांच में खुलासा हुआ कि पवन की हत्या सिक्योरिटी गार्ड साहिल, गुरप्रीत और राम अवतार उर्फ मासूम ने मिलकर की थी। हत्या के बाद तीनों मौके से फरार हो गए थे। पुलिस ने पहले ही साहिल और गुरप्रीत को गिरफ्तार कर लिया था। अब फरार चल रहे तीसरे आरोपी राम अवतार उर्फ मासूम को भी स्पेशल डिटेक्टिव यूनिट ने दबोच लिया है।
जांच में जुटी पुलिस
गिरफ्तारी के बाद आरोपी राम अवतार को कोर्ट में पेश किया गया। पुलिस अधिकारी रामनिवास का कहना है कि हत्या के पीछे की असली वजह और वारदात में और कौन-कौन शामिल था, इसकी कड़ी जोड़ने का काम तेजी से किया जा रहा है। आरोपी से पूछताछ कर कई अहम सुराग जुटाए जा रहे हैं।
