जींद डॉक्टर के क्वार्टर में चोरी करते पकड़ा युवक: पहले भी 3 बार कर चुका चोरी, बैसाखियों के सहारे आता, चोरी कर पैदल जाताl

3/April/2025 Fact Recorder 

पुलिस की गिरफ्त में पकड़ा गया आरोपी।

जींद के सिविल अस्पताल के पीछे बने डॉक्टरों और स्टाफ कर्मियों के क्वार्टर में चोरी करते एक युवक को पकड़ा है। आरोपी पहले भी चोरी की 3 वारदात को अंजाम दे चुका है। बैसाखियों का सहारा लेकर कचरा बिनने के बहाने आरोपी क्वार्टर के आसपास मंडराता रहता था और मौका

पकड़े गए आरोपी की पहचान जयंती देवी मंदिर के पास की मीट मार्केट निवासी शंभू के रूप में हुई है। शंभू के साथ तीन और युवक चोरी के लिए घुसे थे लेकिन वह भागने में कामयाब हो गए। सिविल लाइन पुलिस को दी शिकायत में रोहतक के भगवतीपुर निवासी सुभाष चंद्र ने बताया कि उसकी बेटी डा. ज्योति सिविल अस्पताल के क्वार्टर नंबर पांच में रहती है।पकड़े गए आरोपी शंभू से पूछताछ करते पुलिस कर्मचारी।

क्वार्टर के गेट की कूंडी टूटी मिली, दीवार कूदने की कोशिश कर रहा था युवक

पिछले कुछ दिनों से वह अपनी ससुराल गई हुई थी, इस कारण क्वार्टर पर वह रह रहा था। दोपहर को कुछ काम होने पर वह चला गया तो सवा तीन बजे के करीब जब वापस क्वार्टर पर आया तो गेट की कूंडी टूटी मिली। वह अंदर गया तो एक लड़का पीछे की दीवार के ऊपर से कूदने की कोशिश कर रहा था।

उसके हाथ में कुछ कपड़े, बर्तन और बैग थे। उसने उसे पकड़ लिया और डायल 112 पर फोन किया। पुलिस ने आकर पूछताछ की तो उसने अपना नाम शंभू बताया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया और उसे अपने साथ ले गई। आरोपी के साथ तीन अन्य युवक भी थे लेकिन वह भाग गए थे। पुलिस बाकी आरोपियों की तलाश में जुटी है।

डा. ज्योति के मकान में चोरी के बाद बिखरा पड़ा सामान।

सिविल अस्पताल के डॉक्टरों ने उठाए सुरक्षा पर सवाल

सिविल अस्पताल के डॉक्टर संतलाल बैनीवाल ने कहा कि यहां पर पिछले 10 महीने में 3 बार चोरी की घटना हो चुकी है। एक बार 60 हजार रुपए, दूसरी बार 10 हजार रुपए चोरी हुए थे। करीब 10 माह पहले भी इसी आरोपी को उन्होंने पकड़ कर पुलिस के हवाले किया था। यहां न सीसीटीवी कैमरे काम कर रहे हैं और न ही पुलिस द्वारा गंभीरता दिखाई जा रही है। इस मामले में सिविल सर्जन को भी पत्र लिखा जा चुका है।

बैसाखी के सहारे चलकर आता, चोरी कर पैदल चलकर जाता पकड़ा गया आरोपी शंभू साथ में बैसाखी रखता है और हाथ में कचरा बिनने का कट्टा। वह बैसाखी के सहारे चलकर आता है और मकानों की रेकी करता है। इसके बाद मौका लगते ही सामान चोरी कर पैदल ही चलकर जाता है। आरोपी दिव्यांग होने का नाटक रचता है।