Thu, 23 Jan 2025: Fact Recorder
आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सदस्य स्वति मालीवाल ने दैनिक जागरण से खास बातचीत में पार्टी के भीतर चल रही उठापटक और चुनावी वादों पर सवाल उठाए हैं। इस इंटरव्यू में उन्होंने दिल्ली के विकास मूलभूत समस्याओं और महिला सशक्तीकरण जैसे मुद्दों पर अपने विचार रखें। दिल्ली विधानसभा की सभी 70 सीटों पर पांच फरवरी को मतदान होना है। इससे पहले सियासत गर्म है।
- दिल्ली की सभी 70 सीटों पर 5 फरवरी को होगा मतदान
- आठ फरवरी को आएंगे दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे
आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल (Swati Maliwal) भले ही चुनावी मैदान से सीधे तौर पर भले ही दूर हैं, लेकिन वह विधानसभा क्षेत्रों में घूम-घूमकर जनता के मुद्दे उठा रही हैं। उन्होंने पार्टी में हो रही उठापटक से लेकर चुनावी वादें, अपने भविष्य, महिला सशक्तिकरण जैसे तमाम मुद्दों पर स्वदेश कुमार और रीतिका मिश्रा से बातचीत की। पेश है बातचीत के प्रमुख अंश-
आप आम आदमी पार्टी की संस्थापक सदस्यों में से एक हैं। पिछले कुछ समय से आप अपनी पार्टी को ही कठघरे में करती आ रही हैं। क्या कारण हैं?
मैं अरविंद केजरीवाल के साथ 2006 से जुड़ी हूं। जब तक अन्ना आंदोलन शुरू नहीं हुआ था, तब हम केवल चार-पांच लोग ही थे। अरविंद केजरीवाल ने स्वराज नाम से एक किताब लिखी है। उसमें मेरे और मनीष सिसोदिया के लिए लिखा कि इन दोनों के बिना उनकी ये यात्रा संभव नहीं हो पाती।
दिल्ली को आपने समझा है, जिया है, यहां विकास की कितनी संभावनाएं हैं?
शीला सरकार के समय दिल्ली का इतना बुरा हाल नहीं था। जिस सरकार को कोसकर आए कि हम उनसे बेहतर करके दिखाएंगे, हम उससे भी बदतर स्थिति में आ गए हैं। मैं कम से कम 20 से अधिक विधानसभा क्षेत्रों में घूम चुकी हूं और हालात बदतर ही मिले हैं।इंफ्रास्ट्रक्चर पूरी तरह से खराब कर दिया गया है। सड़कों पर कभी इतना फैला हुआ कूड़ा तो मैंने कभी नहीं देखा। सड़कों पर पानी जमा रहता है। यहां विकास की संभावनाएं इसलिए भी अधिक हैं कि पिछले कुछ समय से यहां की सरकार ने काम ही नहीं किए।
आपको क्या लगता है कि इस चुनाव में कौन से जनता के लिए प्रमुख मुद्दे हैं?
मेरे हिसाब से तो मूलभूत समस्याएं ही प्रमुख मुद्दे हैं जिनके ऊपर दिल्ली सरकार को रोज प्रेस वार्ता करनी पड़ रही है। आप जहां पर भी दिल्ली में चले जाइए, वहां पर गंदा, काला पानी आ रहा है। हर घर को पीने का पानी खरीदने के लिए हर दिन 50 से 100 रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं।
अगर हर घर को 2,500 से 3,000 रुपये पीने का पानी खरीदने के लिए खर्च करने पड़ रहे हैं तो फिर कौन सा मुफ्त पानी। यमुना आज भी मैली पड़ी है। अरविंद केजरीवाल ने वर्ष 2021 में कहा था कि यमुना इतनी साफ हो जाएगी कि पहली डूबकी मैं लगाऊंगा, अभी तक तो दिखे नहीं, डूबकी लगाते हुए। मुझे लगता है कि ये दिल्ली के इतने महत्वपूर्ण मुद्दे हैं और पहली बार मैं मानती हूं कि चुनाव असल मूलभूत मुद्दों पर लड़ा जा रहा है।
सरकार महिला सम्मान के नाम पर उनको रुपये बांटने का वादा कर रही है, इसे कैसे देखती हैं?
दिल्ली सरकार की महिलाओं सम्मान की ये जो योजना है, ये कोई नई बात नहीं है। आज नौ राज्यों में ऐसी योजनाएं लागू हैं। दिल्ली ने तो देर कर दी।
इन्होंने 2024-25 के बजट में घोषणा की थी कि महिलाओं को एक हजार रुपये प्रतिमाह देंगे। देना तो दूर आज तक इस संबंध में कोई फाइल इन्होंने इधर से उधर नहीं की। जैसे ही चुनाव आने वाला है, वैसे ही ये घोषणा करते हैं कि 2,100 रुपये देंगे। मैं जमीनी स्तर पर जाती हूं तो लोग मुझसे पूछते हैं कि जब एक हजार नहीं दिए तो 2,100 रुपये कैसे देंगे।
आप युवा के तौर पर आंदोलन के रास्ते राजनीति में आई है। युवाओं के लिए आप इस चुनाव में क्या देख रही हैं?
मैं जहां भी जा रही हूं, युवा मुझे घेर कर खड़े हो जाते हैं। उनमें काफी रोष है क्योंकि सरकार रोजगार तो दूर मूलभूत सुविधाएं तक नहीं दे पा रही है। डीटीसी के बस ड्राइवर हो या अतिथि शिक्षक, सब हड़ताल पर बैठे हैं। उनके लिए नौकरियां नहीं निकल रही हैं। ऐसे में युवाओं की सरकार के प्रति क्या आशा रह जाएगी भला?
दिल्ली में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए क्या-क्या काम करने की जरूरत है, इसमें किस तरह की अड़चने हैं?
दिल्ली महिला आयोग में हम लोगों ने आठ लाख से अधिक मामलों की सुनवाई की थी। हमसे पुराना जो आयोग था, उसने आठ वर्ष में एक मामले की सुनवाई की थी। दिल्ली महिला आयोग में मैंने जो काम किए हैं उसे देश के साथ-साथ विदेश में भी लोग सराहते हैं।
महिलाओं को सशक्त करना है तो सबसे पहले दिल्ली महिला आयोग से ताला हटना चाहिए, नवंबर 2023 से अब तक सरकार ने महिला आयोग को कोई फंड नहीं दिया है। महिलाओं के लिए शिक्षा और रोजगार के अवसर पैदा करने होंगे। उन्हें अधिकारों के प्रति जागरूक करना होगा।
क्या आज भी आम आदमी पार्टी के दूसरे नेताओं से बात होती है?
छुप-छुप कर काफी लोग मुझे कॉल करते हैं। चूंकि सामने से करेंगे तो उनको समस्या होगी। पार्टी में सबको पता है कि अरविंद केजरीवाल और मेरा स्वभाव कैसा है। पार्टी में सभी लोग ये मानते हैं कि मेरे साथ बीते वर्ष जो घटना हुई, वो गलत थी, लेकिन लोग सीधे-सीधे मेरा साथ नहीं दे सकते थे।
