10 जून 2025 फैक्टर रिकॉर्डर
Business Desk: भारत की चीन पर निर्भरता कम करने की तैयारी, दुर्लभ पृथ्वी तत्वों की आपूर्ति श्रृंखला पर फोकस केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि चीन द्वारा दुर्लभ पृथ्वी तत्वों (Rare Earth Elements) के निर्यात पर लगाई गई रोक पूरी दुनिया के लिए एक चेतावनी और संभलने का मौका है। स्विट्जरलैंड के बर्न में आधिकारिक दौरे पर पहुंचे गोयल ने कहा कि यह समय है जब हर देश को समझना चाहिए कि अत्यधिक निर्भरता किसी एक भौगोलिक क्षेत्र पर खतरे से खाली नहीं होती।
गोयल ने कहा कि भारत अब इस संकट को अवसर में बदलने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। भारत न केवल इन खनिजों की अपनी आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने पर काम कर रहा है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक भरोसेमंद सहयोगी के रूप में खुद को स्थापित करने की रणनीति भी बना रहा है।
उन्होंने स्वीकार किया कि चीन के इस फैसले का असर खासतौर पर ऑटोमोबाइल सेक्टर पर पड़ेगा, क्योंकि इस उद्योग में चुंबकों का बड़े पैमाने पर उपयोग होता है जो दुर्लभ पृथ्वी तत्वों से बनते हैं। दुर्लभ पृथ्वी चुंबकों की प्रोसेसिंग और उत्पादन का करीब 90 फीसदी हिस्सा चीन के पास है, जिससे भारत समेत पूरी दुनिया प्रभावित हो रही है। इन चुंबकों का उपयोग न केवल ऑटो उद्योग में, बल्कि घरेलू उपकरणों और स्वच्छ ऊर्जा प्रणालियों में भी होता है।
गोयल ने बताया कि इस स्थिति से निपटने के लिए भारत सरकार कूटनीतिक स्तर पर चीन से संवाद कर रही है और साथ ही अन्य देशों के साथ वैकल्पिक आपूर्ति श्रृंखलाएं विकसित करने की दिशा में भी सक्रियता से प्रयास कर रही है।
गौरतलब है कि चीन ने 4 अप्रैल 2025 को एकतरफा कदम उठाते हुए दुर्लभ पृथ्वी तत्वों से बने चुंबकों के निर्यात पर रोक लगा दी थी, जिसके लिए अब सरकारी मंजूरी अनिवार्य कर दी गई है। इस फैसले ने वैश्विक बाजार में हलचल मचा दी है। अब भारत की कोशिश है कि वह इस चुनौती को अवसर में बदलते हुए आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाए।