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Himachal: मेडिकल कॉलेजों में अब विशेषज्ञ चिकित्सकों का होगा कॉमन कैडर, स्वास्थ्य सेवाओं में आएगी गुणवत्ता

Mon, 03 Feb 2025: Fact Recorder

प्रदेश सरकार ने इस बाबत सैद्धांतिक निर्णय लिया है। सरकार के इस फैसले से बेहतर चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में गुणवत्ता में मदद मिलेगी।

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल के सभी मेडिकल काॅलेजों और सुपर स्पेशलिटी संस्थानों में फैकल्टी (विशेषज्ञ चिकित्सक) की नियुक्तियों के लिए अब एक कॉमन कैडर होगा। प्रदेश सरकार ने इस बाबत सैद्धांतिक निर्णय लिया है। सरकार के इस फैसले से बेहतर चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में गुणवत्ता में मदद मिलेगी।

सीएम ने कहा कि अभी कॉलेज विशिष्ट कैडर प्रणाली के अनुसार ही फैकल्टी की नियुक्तियां की जाती हैं, जिससे प्रशासनिक असमानता व विशेष रूप से नए मेडिकल काॅलेजों में फैकल्टी की कमी देखी जा रही है। इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए कॉमन कैडर प्रणाली के माध्यम से अध्यापन स्टाफ की भर्ती के लिए एक समान प्रणाली बनाई जाएगी। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और चिकित्सा शिक्षा को सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। कॉमन कैडर की स्थापना से प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में उच्च मानक स्थापित होंगे।

सीएम ने कहा कि उचित चिकित्सा सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए एक मजबूत प्रणाली विकसित होगी। इस पहल से सभी सरकारी चिकित्सा संस्थानों में सेवा शर्तों में सामंजस्य स्थापित करते हुए भर्ती प्रक्रियाओं, प्रशिक्षण कार्यक्रमों और कॅरिअर के अवसरों के लिए मानक स्थापित होंगे। इससे अध्यापन स्टाफ की बेहतर भूमिका और संसाधनों को आवश्यकतानुसार कुशलतापूर्वक आवंटित करने में भी मदद मिलेगी। इस पहल का उद्देश्य पदोन्नति के लिए योग्यता आधारित प्रणाली को बढ़ावा देकर चिकित्सा शिक्षा को मजबूत करना है।
दो साल में विपक्ष के नहीं हुए काम, भाजपा करेगी प्राथमिकता बैठकों का बहिष्कार
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि भाजपा तीन और चार फरवरी को होने वाली विधायक प्राथमिकता बैठक का बहिष्कार करेगी। पिछले दो सालों में पार्टी के विधायकों की ओर से बताए गए किसी भी काम को सुक्खू सरकार ने प्राथमिकता नहीं दी है। उलटा सरकार की ओर से विधायकों को विभिन्न प्रकार से प्रताड़ित किया जा रहा है। प्राथमिकता बैठक में भाजपा के विधायक अपने कामों के बारे में बताते हैं, लेकिन सरकार उन्हें बिल्कुल भी प्राथमिकता नहीं देती है। जयराम ने कहा कि भाजपा विधायकों और नेताओं को फर्जी केसों में फंसाकर परेशान किया जा रहा है। विधायकों को पुलिस जांच के नाम पर 8-8 घंटे थाने में बिठाकर प्रताड़ित किया जा रहा है।

रविवार को जारी बयान में जयराम ने कहा कि चुने हुए विधायकों के बजाय जनता की ओर से नकारे और हारे हुए कांग्रेस नेताओं को तवज्जो दी जा रही है। जब विधायक प्राथमिकता बैठक में भाजपा के विधायकों की ओर से बताई गई प्राथमिकताओं को सुक्खू सरकार ने सुनना ही नहीं है तो बैठक का क्या औचित्य है। इसीलिए भाजपा आगामी विधायक प्राथमिकता बैठक का बहिष्कार कर रही है। कहा कि पूर्व सरकार की ओर से शुरू किए कार्य जो वर्तमान में पूर्ण हो रहे हैं, उनके उद्घाटन के कार्यक्रमों में भी भारतीय जनता पार्टी के चुने हुए प्रतिनिधियों की उपेक्षा की जा रही है। उन्हें उद्घाटन के कार्यक्रमों तक में नहीं बुलाया जा रहा है। उद्घाटन पट्टिका में भी उनका नाम नहीं लिखे जा रहे हैं। चुने हुए जनप्रतिनिधियों के बजाय जनता की ओर से नकारे और हारे हुए कांग्रेसी नेताओं को तवज्जो दी जा रही है।