07 जुलाई 2025 फैक्टर रिकॉर्डर
Himachal Desk: हिमाचल में बादल फटने से भारी तबाही: मंडी-चंबा में पांच पुल बहे, 38 बीघा जमीन तबाह, हमीरपुर में महिला खड्ड में बही
हिमाचल प्रदेश के मंडी, चंबा और हमीरपुर जिलों में रविवार को तेज बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने भारी तबाही मचाई। मौसम विभाग द्वारा जारी रेड अलर्ट के बीच इन इलाकों में जलप्रलय जैसे हालात बन गए। चंबा और मंडी में बादल फटने से पांच पुल बह गए जबकि करीब 38 बीघा कृषि भूमि भी बर्बाद हो गई। चंबा में एक घराट (पारंपरिक आटा चक्की) तेज बहाव में बह गया।
मंडी में चार पुल बहे, 50 बीघा जमीन तबाह
मंडी जिले की ग्राम पंचायत शिल्हबधाणी के कोतरंग गांव में शनिवार देर रात बादल फटने से तीन पैदल पुलों और एक वाहन पुल को भारी नुकसान पहुंचा। इसके अलावा गांव के पास बहने वाले नाले के तेज बहाव में लगभग 50 बीघा कृषि भूमि बह गई, जिससे ग्रामीणों की आजीविका पर संकट मंडरा गया है।
चंबा में पुल बहा, तीन पंचायतों का संपर्क कटा
चंबा जिले के चुराह उपमंडल में रविवार सुबह करीब 9 बजे कठवाड़ नाले में बादल फटा। तेज बहाव में लोक निर्माण विभाग का एक पुल बह गया, जिससे तीन पंचायतों का उपमंडल मुख्यालय से संपर्क कट गया है। साथ ही एक घराट भी बह गया।
हमीरपुर में महिला खड्ड में बह गई
हमीरपुर जिले के बड़सर उपमंडल में “गुरु का बण” के पास शुक्कर खड्ड में मजदूरी कर रही एक महिला पानी के तेज बहाव में बह गई। महिला की पहचान किरण (30 वर्ष), निवासी बिहार के रूप में हुई है। देर शाम तक उसका कोई सुराग नहीं मिल सका है। घटना के समय खड्ड के किनारे मजदूर पत्थर उठा रहे थे कि अचानक पानी का स्तर बढ़ गया।
कांगड़ा में हवाई उड़ानें रद्द, सड़कों पर भूस्खलन
लगातार बारिश के कारण कांगड़ा एयरपोर्ट पर सुबह की दो उड़ानें रद्द करनी पड़ीं, हालांकि दोपहर बाद की उड़ानें निर्धारित समय पर चलीं।
कांगड़ा जिले में जबाली के लब-लुधियाड़-भरमाड़ मार्ग पर बने एक पुल का एक किनारा धंसने से सड़क पूरी तरह बंद हो गई है। इसके अलावा, समेला में पेड़ गिरने से मटौर-शिमला नेशनल हाईवे करीब डेढ़ घंटे तक बंद रहा। वहीं, बाथू पुल के पास भूस्खलन के कारण इस हाईवे को वनवे ट्रैफिक करना पड़ा।
अलर्ट जारी, हालात पर नजर
प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग पूरे प्रदेश में स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के लिए भी भारी से बहुत भारी बारिश का पूर्वानुमान जताया है, जिससे और भूस्खलन व जलभराव की आशंका है। लोगों को पहाड़ी इलाकों, नदी-नालों से दूर रहने और सतर्क रहने की सलाह दी गई है।