मेडिकल कालेज के बाहर प्रदर्शन करते हुए लोग
हरियाणा के नारनौल में शहर से महज पांच किलोमीटर दूर बन रहा मेडिकल कालेज शुरू होने से पूर्व ही विवादों में आ गया है। इस मेडिकल कालेज के नाम को लेकर लोगों में विवाद खड़ा हो गया है। नाम को लेकर दो धड़े बट गए हैं। एक धड़े का कहना है कि इस मेडिकल कालेज का नाम
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नारनौल से पांच किलोमीटर दूर गांव कोरियावास में बन रहे मेडिकल कालेज का शिलान्यास पूर्व मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने 23 दिसंबर 2018 को शिलान्यास किया था। इसका निर्माण कार्य सितंबर 2019 में शुरू हुआ था। लेकिन कोरोना काल में कुछ दिनों तक इस मेडिकल कॉलेज का कार्य बंद हो गया था। 76 एकड़ में बनने वाली मेडिकल कॉलेज 725 करोड़ रुपए की लागत से तैयार होने लग रहा है। इसका लगभग 95 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। कोरियावास मेडिकल कॉलेज में इमरजेंसी सेवाएं तथा ओपीडी इस साल से शुरू की जाएगी। शुरुआत में मरीजों की देखभाल व उनके उपचार की व्यवस्था की जाएगी। एमसीआई के नॉर्म्स पूरे होने पर यहां पर एमबीबीएस की पढ़ाई की कक्षाएं भी शुरू कर दी जाएगी। इस साल सरकार मेडिकल कॉलेज की बिल्डिंग हैंड ओवर कर लेगी और मेडिकल कॉलेज का कार्य शुरू हो जाएगा।

कोरियावास मेडिकल कालेज के बाहर प्रदर्शन करते हुए ग्रामीण
बनने से ही पहले विवादों में आया
कोरियावास में बन रहा मेडिकल कालेज बनने से पहले ही विवादों में आ गया है। यहां पर नाम को लेकर विवाद है। जिस समय तत्कालीन सीएम मनोहरलाल खट्टर ने इसका उद्घाटन किया, उस समय इसका पास लगते ढोसी धाम तथा वहां पर महर्षि च्यवन ऋषि की तपोस्थली होने तथा महर्षि च्यवन का आयुर्वेद से जुड़ाव होने के चलते महर्षि च्यवन रखने की बात हुई थी। मगर वर्ष 2023 में केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने इसका नाम शहीद राव तुलाराम के नाम से रखने का एक लैटर तत्कालीन सीएम मनोहरलाल को भेजा था। इसके बाद फिर से 2024 में राव इंद्रजीत सिंह द्वारा रिमाइंडर भेजा गया, मगर दोनों ही पत्राें का कोई जवाब नहीं आया।
ग्रामीणों ने की पंचायत
इस मामले को लेकर गांव के अनेक लोगों ने मंगलवार को पंचायत कर मेडिकल कालेज का नाम अमर शहीद राव तुलाराम के नाम पर रखने की मांग उठाई। जिसका समर्थन वहां की सरपंच मोनिका ने भी किया तथा सरकार को ग्राम पंचायत की ओर से एक पत्र भी भेजा गया।
मामले में ग्रामीण दो फाड़
वहीं इस मामले में ग्रामीण दो फाड़ हो गए हैं। अनेक ग्रामीणों का कहना है कि सरकार ने जो पहले नाम रखा था, वह सही है। उन्हें उस नाम में कोई आपत्ति नहीं है, क्योंकि महर्षि च्यवन भी इस क्षेत्र की शान रहे।

पूर्व पार्षद दयानंद सोनी
पूर्व पार्षद ने कहा महर्षि च्यवन नाम सही नारनौल के समीप नवनिर्मित मेडिकल कॉलेज का नाम महर्षि च्यवन के नाम पर रखकर सरकार ने उचित फैसला किया है। पूर्व पार्षद दयानंद सोनी ने सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इसमें किसी भी व्यक्ति, गांव एवं जातिगत आधार पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। महर्षि च्यवन ऋषि को हम एक आध्यात्मिक, शैक्षणिक, जड़ी-बूटियों के शोधकर्ता के रूप में व एक महान युग पुरुष के रूप में सदैव अपने दिल और दिमाग में सदियों से संजोए हुए है। उन्होंने कहा कि मेडिकल संस्थाएं भी रिसर्च और स्वास्थ्य की प्रतिक होती है, ऐसे में इस मेडिकल कॉलेज संस्थान का नाम भी ऐसे ही महापुरुष के नाम गया है, तो सर्वोत्तम है। सरकार ने भी इन सभी खूबियों को ध्यान में रखते हुए और युगों-युगों से इस क्षेत्र को महर्षि च्यवन ऋषि ने जो पहचान अच्छे स्वास्थ्य के लिए दी है, उसकी याद नयी पीढी जोकि स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी हुई है, उसे सीखने और गर्व महसूस कराने एवं जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए इस मैडिकल कॉलेज का नाम महर्षि च्यवन ऋषि के नाम पर रखा है।
