24/04/2025 Fact Recorder
उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित देश के प्रथम गांव माणा में इस वर्ष भव्य पुष्कर कुंभ का आयोजन होने जा रहा है। यह महोत्सव 14 मई से 25 मई 2025 तक आयोजित किया जाएगा। हर 12 वर्ष में एक बार आयोजित होने वाला यह आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महाकुंभ इस बार विशेष रूप से आकर्षण का केंद्र बनने वाला है।
पुष्कर कुंभ का आयोजन सरस्वती और अलकनंदा नदियों के संगम स्थल पर किया जाएगा। यह स्थान धार्मिक और पौराणिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यता है कि इसी स्थान पर वेदों की देवी सरस्वती अलकनंदा में आकर विलीन होती हैं। संगम स्थल पर स्नान और पूजा का विशेष महत्व है और कुंभ के दौरान हजारों श्रद्धालु यहां पहुंचकर आस्था की डुबकी लगाते हैं।
इस बार का पुष्कर कुंभ न केवल धार्मिक अनुष्ठानों के लिए जाना जाएगा, बल्कि इसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम, संत सम्मेलन, ध्यान-योग सत्र और विभिन्न धार्मिक प्रवचन भी आयोजित किए जाएंगे। स्थानीय प्रशासन और आयोजन समिति ने इस आयोजन को सफल और भव्य बनाने के लिए सभी तैयारियां शुरू कर दी हैं।
यह पहला अवसर है जब पुष्कर कुंभ को इस पैमाने पर माणा गांव में आयोजित किया जा रहा है, जिसे भारत का पहला गांव भी कहा जाता है, क्योंकि यह भारत-तिब्बत सीमा के पास स्थित अंतिम बसा हुआ गांव है।
श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए यह एक अनुपम अवसर होगा कि वे न केवल धार्मिक स्नान और अनुष्ठानों में भाग लें, बल्कि हिमालय की गोद में बसे इस पवित्र गांव की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक धरोहर का भी अनुभव कर सकें।
प्रशासन द्वारा सुरक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और यातायात व्यवस्था को लेकर विशेष तैयारियां की जा रही हैं ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
पुष्कर कुंभ 2025 निश्चित ही भारत की सांस्कृतिक विरासत और आध्यात्मिक परंपराओं का जीवंत उदाहरण बनकर उभरेगा।
