फरीदकोट में डीसी के आदेश से टीचर्स परेशान: 10 छात्रों की टीम करेगी दुकानों में नशा बिक्री की जांच, शिक्षक होंगे नोडल अधिकारीl

11/April/2025 Fact reCorder

फरीदकोट का जिला शिक्षा कार्यालय का बाहर का दृश्य।

फरीदकोट के डिप्टी कमिश्नर के निर्देश पर जिला शिक्षा अधिकारी ने जिले के सभी 85 सरकारी हाई और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों को एक आदेश जारी किया है। इस आदेश के अनुसार स्कूलों को अपने आस-पास की दुकानों में नशीली दवाओं की बिक्री की जांच करने के लिए छात्रों की

डीईओ द्वारा जारी किए गए विस्तृत दिशा-निर्देशों में प्रत्येक स्कूल को कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों में से 10 छात्रों की एक टीम बनाने का आदेश दिया गया है। इस टीम की निगरानी के लिए एक शिक्षक को नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। टीम का मुख्य कार्य स्कूल परिसर के आस-पास की दुकानों का निरीक्षण करना और यह सुनिश्चित करना होगा कि वहां कोई नशीली दवाएं नहीं बेची जा रही हैं।

प्रशासन के आदेश से शिक्षक चिंतित इस नई पहल ने शिक्षकों में चिंता और असहजता पैदा कर दी है। अधिकांश शिक्षकों का मानना है कि नाबालिग छात्रों को ऐसे जोखिम भरे कार्यों में शामिल करना उचित नहीं है। उनका तर्क है कि यह काम सुरक्षा एजेंसियों का है और स्कूली बच्चों को इसमें शामिल करना उनकी सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है।

आदेश का पालन न करने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी डीईओ ने 4 अप्रैल को पहला पत्र जारी करके स्कूलों से 10 छात्रों और एक नोडल अधिकारी के नाम मांगे थे। जब स्कूलों की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, तो 9 अप्रैल को एक और पत्र भेजा गया। इस दूसरे पत्र में आदेश का पालन न करने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। यह स्थिति स्कूल प्रशासन और शिक्षकों के लिए दुविधा का कारण बन गई है।

डीईओ (सेकेंडरी) नीलम रानी ने कहा कि यह आदेश स्कूलों को अपने परिसर और आस-पास के क्षेत्र में सतर्क रहने के लिए जारी किया गया है। उन्होंने बताया कि इसका मुख्य उद्देश्य छात्रों को नशे से दूर रखना और नशे के शिकार लोगों को सरकारी नशामुक्ति केंद्रों में इलाज के लिए प्रेरित करना है।

स्कूलों को डीईओ द्वारा जारी 9 अप्रैल को भेजा गया पत्र।

स्कूलों को डीईओ द्वारा जारी 9 अप्रैल को भेजा गया पत्र।

स्कूलों को डीईओ द्वारा जारी 4 अप्रैल को भेजा गया पत्र।

स्कूलों को डीईओ द्वारा जारी 4 अप्रैल को भेजा गया पत्र।

निरीक्षण के दौरान बच्चों की सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा पंजाब गवर्नमेंट स्कूल टीचर्स यूनियन के सलाहकार प्रेम चावला ने इस मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि हालांकि इस कदम का उद्देश्य नशे के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करना है, लेकिन दुकानों के निरीक्षण के दौरान बच्चों की सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा है। जहां एक ओर बच्चों को नशे से बचाना है, वहीं दूसरी ओर उन्हें इस खतरनाक कार्य में शामिल किया जा रहा है।