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सीएम रेवंत रेड्डी OBC रिजर्वेशन 42% करेंगे, ABVP से राजनीति शुरू की, कांग्रेस से तेलंगाना के दूसरे मुख्यमंत्री बने।

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19 March 2025: Fact Recorder

तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने सोमवार, 17 मार्च को विधानसभा में ऐलान किया कि उनकी सरकार राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग यानी OBC आरक्षण सीमा 23% से बढ़ाकर 42% करने जा रही है। अगर ये लागू होता है तो तेलंगाना में आरक्षण की सीमा बढ़कर 62% हो जाएगी।

 

तेलंगाना CM रेवंत रेड्डी ने विधानसभा में कहा- 'कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने वादा किया था कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो OBC आरक्षण को बढ़ाकर 42 प्रतिशत किया जाएगा।'

तेलंगाना CM रेवंत रेड्डी ने विधानसभा में कहा- ‘कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने वादा किया था कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो OBC आरक्षण को बढ़ाकर 42 प्रतिशत किया जाएगा।’

हालांकि यह सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय की गई 50% आरक्षण सीमा का उल्लंघन हो जाएगा। बता दें कि कांग्रेस ने 2023 विधानसभा चुनाव से पहले OBC कोटा बढ़ाने का वादा किया था।

7 मई 1992 को रेवंत ने 24 साल की उम्र में वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री जयपाल रेड्डी की भतीजी अनुमुला गीता से शादी कर ली। रेवंत और गीता की एक बेटी है, जिसका नाम न्यामिषा है।

तेलुगु देशम पार्टी (TDP) से की मेनस्ट्रीम पॉलिटिक्स की शुरुआत

रेवंत रेड्डी छात्र जीवन के दौरान राष्ट्रीय स्वयं सेवक यानी RSS बैक्ड ABVP (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) के सदस्य थे। साल 2004 उन्होंने कोडंगल विधानसभा सीट से TDP उम्मीदवार के रूप में पहली बार चुनाव लड़ा। हालांकि, इस चुनाव में वो हार गए।

फिर, साल 2006 में उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर स्थानीय निकाय चुनाव लड़ा और मिडजिल मंडल से ZPTC सदस्य के रूप में चुने गए। साल 2007 में वे निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में विधान परिषद (MLC) के सदस्य बने।

साल 2008 में रेवंत ने तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू से मुलाकात की और TDP में शामिल हो गए।

साल 2008 में रेवंत ने तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू से मुलाकात की और TDP में शामिल हो गए।

2009 में पहली बार TDP से विधायक बने

रेवंत रेड्डी ने 2009 के विधानसभा चुनाव में TDP के टिकट पर कोडंगल विधानसभा सीट से जीत दर्ज की। उन्होंने कांग्रेस पार्टी के कैंडिडेट गुरुनाथ रेड्डी को लगभग 7 हजार वोटों से हराया। विधायक बनने के बाद उन्होंने तेलंगाना को अलग राज्य बनाने के आंदोलन और किसानों के मुद्दों को उठाया।

रेवंत रेड्डी साल 2014 में दोबारा कोडंगल विधानसभा सीट से विधायक चुने गए।

रेवंत रेड्डी साल 2014 में दोबारा कोडंगल विधानसभा सीट से विधायक चुने गए।

रेड्डी ने साल 2014 में दोबारा कोडंगल विधानसभा सीट जीती। इस बार उन्होंने कांग्रेस छोड़कर तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) में शामिल हुए गुरुनाथ रेड्डी को 14,614 वोटों के अंतर से हराया। इसके बाद वे TDP के तेलंगाना विधानसभा में विपक्ष के नेता बने। इस दौरान वे तेलंगाना में के. चंद्रशेखर राव ( KCR) के नेतृत्व वाली TRS सरकार के खिलाफ तेज-तर्रार नेता के रूप में उभरे।

उन्हें तेलंगाना विधानसभा में तेलुगु देशम पार्टी (TDP) का फ्लोर लीडर चुना गया।

अक्टूबर, 2017 में कांग्रेस में शामिल हुए

रेवंत कांग्रेस पार्टी में शामिल होने पर विचार कर रहे हैं, इसकी जानकारी मिलने के बाद TDP ने 25 अक्टूबर, 2017 को उन्हें फ्लोर लीडर के पद से हटा दिया। 31 अक्टूबर, 2017 को वे औपचारिक रूप से कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए।

रेवंत रेड्डी पार्टी के तत्कालीन उपाध्यक्ष राहुल गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल हुए थे।

रेवंत रेड्डी पार्टी के तत्कालीन उपाध्यक्ष राहुल गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल हुए थे।

2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के मुख्य प्रचारक बने

साल 2018 के तेलंगाना विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने रेवंत रेड्डी को मुख्य प्रचारक बनाया। उन्होंने कोडंगल विधानसभा सीट से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा। लेकिन भारत राष्ट्र समिति यानी BRS (पूर्व में TRS) के प्रत्याशी पट्टनम नरेंद्र रेड्डी से हार गए।

20 सितंबर 2018 को उन्हें एन. उत्तम कुमार रेड्डी की जगह तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (TPCC) के तीन कार्यकारी अध्यक्षों में से एक के रूप में नियुक्त किया गया।

20 सितंबर 2018 को उन्हें एन. उत्तम कुमार रेड्डी की जगह तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (TPCC) के तीन कार्यकारी अध्यक्षों में से एक के रूप में नियुक्त किया गया।

2018 विधानसभा चुनाव में हार के बाद रेवंत रेड्डी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में मलकाजगिरी संसदीय सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और 10,919 वोटों के अंतर से जीत हासिल की। उन्होंने कुल 38.63% वोट प्राप्त किए और भारत राष्ट्र समिति (BRS) के उम्मीदवार मर्री राजशेखर रेड्डी को हराया।

जून 2021 में रेवंत रेड्डी को तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (TPCC) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। उन्होंने 7 जुलाई, 2021 से इस पद को संभाला।

जून 2021 में रेवंत रेड्डी को तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (TPCC) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। उन्होंने 7 जुलाई, 2021 से इस पद को संभाला।

TPCC का अध्यक्ष बनने के बाद साल 2023 तेलंगाना विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस का नेतृत्व किया। इस दौरान उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के खिलाफ सफल अभियान चलाया।

तीसरी बार कोडंगल सीट से विधायक बने

2023 तेलंगाना विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 64 सीटें जीतीं जो बहुमत से 4 सीट ज्यादा थीं। रेवंत रेड्डी ने खुद दो विधानसभा सीटों कोडंगल और कामारेड्डी से चुनाव लड़ा। कोडंगल सीट से जीत हासिल की। वहीं, कामारेड्डी सीट से हार गए।

वे 2009 और 2014 में कोडंगल से पहले भी जीत चुके थे। इस तरह वे तीसरी बार इस सीट से विधायक बने।

तेलंगाना के दूसरे मुख्यमंत्री बने रेवंत

2023 के तेलंगाना विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 119 में से 64 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया। फिर, ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) और निर्वाचित विधायकों ने रेवंत रेड्डी को कांग्रेस विधायक दल का नेता नामित किया। इससे उनके तेलंगाना के मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हुआ।

हैदराबाद के लाल बहादुर शास्त्री स्टेडियम में तेलंगाना के राज्यपाल तमिलिसाई सौंदर्यराजन ने रेवंत रेड्डी के मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई।

हैदराबाद के लाल बहादुर शास्त्री स्टेडियम में तेलंगाना के राज्यपाल तमिलिसाई सौंदर्यराजन ने रेवंत रेड्डी के मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई।

7 दिसंबर, 2023 को उन्होंने तेलंगाना के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। वह राज्य के दूसरे मुख्यमंत्री बने।