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Blusmart HALTS CAB बुकिंग सेवा

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इलेक्ट्रिक कैब सर्विस ब्लूस्मार्ट की सेवाएं बंद हो गई हैं, जिससे दिल्ली एनसीआर, मुंबई, बंगलूरू में बड़ी संख्या में लोग परेशान हो रहे हैं। ब्लूस्मार्ट की कैब सेवाएं ऐसे समय बंद हुई हैं, जब सेबी द्वारा जेनसोल इंजीनियरिंग के खिलाफ जांच की जा रही है। जेनसोल इंजीनियरिंग ही ब्लूस्मार्ट की वित्तीय प्रमोटर कंपनी है। जेनसोल इंजीनियरिंग पर फंड के गलत इस्तेमाल का आरोप लगा है। जेनसोल इंजीनियरिंग सोलर पावर प्रोजेक्ट, ब्लूस्मार्ट जैसे प्लेटफॉर्म के लिए ईवी को लीज पर देने और इलेक्ट्रिक गाड़ियों के निर्माण जैसे कामों से जुड़ी है।

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बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के पूर्व अध्यक्ष ने बताया ब्लूस्मार्ट को क्यों बंद करनी पड़ी कैब सेवाएं

ब्लूस्मार्ट ने अपनी कैब सेवाएं बंद क्यों बंद करनी पड़ी, इसे लेकर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के पूर्व अध्यक्ष सेतुरत्नम रवि ने बताया है कि इसकी ‘दो मुख्य वजह हैं। पहला मामला इंसाइडर ट्रेडिंग का है। कई शिकायतें मिली हैं कि कंपनी में इंसाइडर ट्रेडिंग हुई। दूसरा है कि कंपनी के खिलाफ सेबी को कई शिकायतें मिली हैं कि कंपनी के फंड को डायवर्ट किया गया और गलत बयानबाजी की गई।’

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क्या है पूरा मामला

जेनसोल ने सरकारी कंपनियों IREDA और पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन से टर्म लोन लिया। सेबी के अनुसार, जेनसोल कंपनी ने कुल 977 करोड़ रुपये का लोन लिया। जिसमें से 663 करोड़ रुपये ब्लूस्मार्ट के लिए इलेक्ट्रिक कारें खरीदने के लिए लिए गए। इन इलेक्ट्रिक कारों को जेनसोल द्वारा ब्लूस्मार्ट को लीज पर दिया गया। हालांकि सेबी को दिए जवाब में जेनसोल ने स्वीकारा है कि उन्होंने सिर्फ 4704 इलेक्ट्रिक गाड़ियां खरीदीं, जबकि उसे 6400 गाड़ियां खरीदनी थीं। 4704 इलेक्ट्रिक कारों के लिए जेनसोल ने 567 करोड़ रुपये का भुगतान किया, जबकि कारों की खरीद के लिए रखे गए 663 करोड़ रुपये में से करीब 262 करोड़ रुपये निजी इस्तेमाल में खर्च किए गए।

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फंड डायवर्ट कर निजी खर्चों में किया गया इस्तेमाल

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सेबी को जांच में पता चला है कि जब भी ईवी खरीदने के लिए जेनसोल से इलेक्ट्रिक कार निर्माता कंपनी गो-ऑटो में फंड ट्रांसफर किया गया, तो अधिकतर मामलों में फंड कंपनी को वापस ट्रांसफर कर दिया गया या उन संस्थाओं को भेज दिया गया जो सीधे या अप्रत्यक्ष तरीके से जेनसोल के प्रमोटरों अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी से जुड़ी थीं। आरोप है कि इन पैसों से जग्गी ब्रदर्स ने लग्जरी फ्लैट खरीदे। ट्रेडिंग की और अपने नाते-रिश्तेदारों को मोटी रकम ट्रांसफर की। इसके अलावा शॉपिंग और घूमने-फिरने पर भी खूब पैसा खर्च किया गया।