प्रदेश अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां की अध्यक्षता में बैठक करते किसान।
पंजाब में किसान आंदोलन एक बार फिर तेज होने की आशंका है। भारतीय किसान यूनियन उगराहां ने राज्य सरकार के खिलाफ बड़े आंदोलन की घोषणा की है। बरनाला के गांव चीमा में संगठन की राज्य स्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया।
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बुधवार को प्रदेश अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां की अध्यक्षता में हुई बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। संगठन 24 अप्रैल को मानसा में रोष प्रदर्शन करेगा। बठिंडा के गांव चाओके के आदर्श स्कूल मामले में गिरफ्तार कार्यकर्ताओं की रिहाई की मांग की जाएगी।
सरकार पर लोकतांत्रिक अधिकारों को कुचलने का आरोप
किसान नेताओं ने कहा कि पंजाब सरकार ने 5 मार्च को चंडीगढ़ में किसानों के धरने को रोका। शंभू और खनौरी बॉर्डर पर चल रहे धरनों को जबरन हटाया गया। उनका आरोप है कि आम आदमी पार्टी की सरकार लोकतांत्रिक अधिकारों को कुचल रही है।
काले झंडे दिखाने की चेतावनी
संगठन ने चेतावनी दी है कि आने वाले समय में मुख्यमंत्री, मंत्री और विधायकों को गांवों में काले झंडों का सामना करना पड़ेगा। किसान नेताओं का कहना है कि सरकार को अपने दमनकारी रवैये का जवाब देना होगा। वे सत्ता पक्ष के नेताओं का विरोध और घेराव करेंगे।
किसान नेताओं ने स्कूल के भ्रष्ट प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई और निकाले गए अध्यापकों की बहाली की भी मांग की है। उनका कहना है कि जिला प्रशासन की कमेटी ने प्रबंधन को दोषी पाया, फिर भी सरकार उनका पक्ष ले रही है।