क्या बढ़ने वाले हैं हवाई किराये? भारतीय एयरलाइंस पर 105 अरब का आर्थिक दबाव

क्या बढ़ने वाले हैं हवाई किराये? भारतीय एयरलाइंस पर 105 अरब का आर्थिक दबाव

29 अक्टूबर 2025 फैक्ट रिकॉर्डर

Business Desk: भारतीय विमानन उद्योग इस समय गहरे वित्तीय संकट से जूझ रहा है। देश की मजबूत अर्थव्यवस्था के बावजूद एयरलाइंस कंपनियों के सामने नुकसान का पहाड़ खड़ा हो गया है। रेटिंग एजेंसी ICRA की एक ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2026 में भारतीय एयरलाइन कंपनियों का शुद्ध घाटा 95 से 105 अरब रुपये तक पहुंच सकता है, जो वित्त वर्ष 2025 के अनुमानित 55 अरब रुपये से लगभग दोगुना है। इस भारी नुकसान का सीधा असर यात्रियों पर पड़ सकता है, क्योंकि एयरलाइंस अपने बढ़ते खर्च को संतुलित करने के लिए टिकटों की कीमतें बढ़ा सकती हैं या सेवाओं में कटौती कर सकती हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, घाटे की मुख्य वजहों में एविएशन टरबाइन फ्यूल (ATF) की बढ़ती कीमतें और डॉलर की मजबूती प्रमुख हैं। अक्टूबर 2025 में ही ATF की कीमतों में 3.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि विमानों की लीज और रखरखाव पर होने वाला खर्च डॉलर में होने से एयरलाइंस पर अतिरिक्त बोझ बढ़ गया है। इसके अलावा, इंजन की खराबी और पुर्जों की कमी के चलते लगभग 133 विमान जमीन पर खड़े हैं, जिससे एयरलाइंस की कमाई बुरी तरह प्रभावित हुई है।

घरेलू हवाई यात्रा में भी गिरावट दर्ज की गई है। सितंबर 2025 में घरेलू यात्रियों की संख्या 128.5 लाख रही, जो पिछले साल की तुलना में 1.4 प्रतिशत कम है। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में सुधार देखने को मिला है, जहां अगस्त 2025 में यात्रियों की संख्या में 7.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। ICRA ने भारतीय विमानन क्षेत्र के लिए अपना दृष्टिकोण तो स्थिर रखा है, लेकिन वृद्धि का अनुमान घटाकर 4 से 6 प्रतिशत कर दिया है।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जिन एयरलाइंस के पीछे मजबूत मूल कंपनियां हैं, वे इस संकट का सामना करने में फिलहाल सक्षम हैं। हालांकि, अगर ईंधन की कीमतें और डॉलर की मजबूती पर नियंत्रण नहीं हुआ, तो आने वाले महीनों में हवाई टिकट और महंगे हो सकते हैं, जिससे यात्रियों की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ना तय है।