गांव बड़ेड के तालाब में 6 मार्च को मनरेगा के तहत दिखाया गया था कार्य
हरियाणा के नूंह जिले के पिनगवां खंड में मनरेगा योजना में हो रहे भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए दर्जनों गांवों में चल रही फर्जी मस्टररोल को शून्य कर दिया है। यह कार्रवाई खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी सुरजीत सिंह द्वारा गत 6 मार्च को दैनिक भास्कर डिजिट
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भास्कर रिपोर्टर द्वारा ग्रामीणों की शिकायत पर गांवों में की गई थी जांच
गत 6 मार्च को भास्कर रिपोर्टर राजीव प्रजापति द्वारा ग्रामीणों की शिकायत पर पिनगवां ब्लॉक के गांव बड़ेड,गोकलपुर,मानोता ,एचवाड़ी और नीमखेड़ा सहित अन्य दर्जनों गांवों का दौरा किया गया था। धरातल पर पाया गया कि इन गांवों में संबंधित एबीपीओ ,पंचायत जेई व अन्य कर्मचारियों द्वारा सरपंचों से मिलीभगत कर मनरेगा में फर्जी मस्टररोल तैयार कर वेबसाइट पर मजदूरों से कार्य दिखाया जा रहा है। लेकिन मौके पर जाकर देखा तो वहां किसी भी तरह का कोई मजदूर दिखाई नहीं दिया। इतना ही नहीं धरातल पर कोई कार्य भी नहीं मिला।

खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी द्वारा जारी किया गया लेटर
एक के बाद एक गांव में गया रिपोर्टर
दैनिक भास्कर रिपोर्टर सबसे पहले पिनगवां खंड के गांव बड़ेड में पहुंचा था, जहां वर्क कोड संख्या 1219009034/WH/40612 पर मस्टररोल चलाकर गांव में बने एक तालाब का जीर्णोद्धार का कार्य दिखाया गया। तालाब में करीब 90 मजदूरों को कार्य पर लगाया हुआ दिखाया गया। जबकि तालाब में न तो कोई मजदूर मिला और न ही कोई काम मिल। इसके बाद टीम ने गांव मानोता में हो रहे कार्य की पड़ताल की। जहां वर्क कोड संख्या 1219009004/LD/1000043028 पर मस्टररोल चलाकर करीब 80 मजदूरों से गांव के कब्रिस्तान में मिट्टी का भरत का कार्य कराया जा रहा था। ऐसे कई गांवों में मनरेगा के तहत हो रहे कार्यों की जांच की गई, जहां किसी तरह का कोई मजदूर काम करता हुआ दिखाई नहीं दिया। जिसमें ग्रामीणों ने बताया था कि कोई भी मजदूर कार्य नहीं कर रहा है, केवल ऑनलाइन ही मजदूरों से कार्य दिखा कर सरकारी राशि को हड़पा जा रहा है।
बीडीपीओ ने पत्र जारी कर मस्टररोल जीरो करने के आदेश दिए
खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी सुरजीत सिंह ने बताया कि गत 6 मार्च को दैनिक भास्कर में लगी खबर के आधार पर जांच की गई । जांच में सामने आया है कि गत 2 मार्च से रमजान का महीना शुरू हुआ था। जिस कारण मौके पर मजदूर कार्य करने में असमर्थ रहे। एबीपीओ को एक पत्र जारी किया गया है। जिसमें कहा गया है कि पिनगवां खंड के जितने भी गांवों में मानेगा योजना के तहत कार्य चल रहे है उन गांवों में चलाई जा रही मस्टररोल को तत्काल प्रभाव से शून्य किया जाए। जिसकी रिपोर्ट खंड कार्यालय में प्रस्तुत की जाए। लापरवाही व देरी बरतने वाले कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

जालिका गांव के स्कूल में मनरेगा के तहत मिट्टी भरत कार्य दिखाया गया था
दूरदराज खुलवाए हुए है खाते
फर्जी तरीके से चलाई गई मस्टररोल पूरी हो जाने के बाद हर बार की तरह इस बार भी पंचायत जेई द्वारा फर्जी एमबी भरकर राशि को दूरदराज खुले हुए मनरेगा मजदूरों के खाते में ट्रांसफर करा दिया जाएगा और मजदूरों को भनक तक नहीं लगेगी। खातों में राशि आने के बाद पंचायत विभाग के अधिकारी और सरपंच राशि को निकाल लेते है। जिसका जो कमीशन होता है, वह उससे मिल जाते है। हालांकि नूंह जिला मनरेगा गबन के मामले में काफी चर्चाओं में रह चूका,जिसमे बीडीपीओ,जेई,एबीपीओ,सचिव,बैंक मैनेजर सहित अन्य कर्मचारियों पर गबन के कई मुकदमे दर्ज हो चुके चुके है। उसके बाद भी जिले में मनरेगा में भ्रष्टाचार रुकने का नाम नहीं ले रहा है। मनरेगा योजना के तहत हुए कार्यों की अगर उच्च स्तरीय जांच निष्पक्ष तरीके से हुई तो एक बड़ा घोटाला सामने आ सकता है।