19 March 2025: Fact Recorder
आंखों की सेहत को सही रखना जरूरी होता है क्योंकि कई बार हमारी आंखें ऐसे संकेत देती हैं, जो खतरनाक होते हैं और यह आंखों की रोशनी को भी कम कर सकते हैं। आइए जानते हैं आई एक्सपर्ट ने इस पर क्या कहा।
डिजीटल वर्ल्ड के जमाने में लोगों का अधिकांश समय फोन, लैपटॉप से लेकर कंप्यूटर पर ही गुजरता है। इसका सबसे ज्यादा असर हमारी आंखों पर पड़ता है। World Glaucoma Day हर साल 12 मार्च को मनाया जाता है। यह एक आंखों की बीमारी है, जिसमें आंखों की रोशनी भी जा सकती है। इस बीमारी के संकेतों को नजरअंदाज करने से समस्या बढ़ जाती है, लेकिन इससे भी ज्यादा गंभीर होता है इसके संकेत को समझना क्योंकि कई ग्लूकोमा डिजीज के बारे में बताया जाता है कि इसका साइन बहुत ही रेयर होता है। कुछ मेडिकल रिपोर्ट्स बताती हैं कि ब्रिटेन में लगभग 700,000 लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं। उससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात है कि इन लोगों को अपनी आंखों की इस बीमारी के बारे में पता भी नहीं है। आई स्पेशलिस्ट से जानते हैं इस डिजीज के बारे में।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
डॉक्टर सैली अमीन, जो लंदन के OCL Vision में नेत्र रोग विशेषज्ञ हैं, बताती हैं कि आंखों की इस बीमारी की चेतावनियों को समझें क्योंकि इस रोग के लक्षण इतनी धीमी गति से ग्रो करते हैं कि आपको या किसी को भी समझने में मुश्किल हो सकती है। कई बार लोगों को इस बीमारी के बारे में तब पता चलता है जब बीमारी गंभीर स्टेज पर होती है।
कैसे होते हैं संकेत?
1. रोशनी में आंखों में छल्ले दिखना- डॉक्टर बताती हैं कि इस बीमारी में जब आप कहीं बाहर घूमने जाते हैं, तो कार की लाइट, स्ट्रीट लाइट या तेज रोशनी के संपर्क में आने से ही आपकी आंखों के अंदर कुछ छल्ले दिखाई देने लगते हैं। ऐसा तब ही होता है, जब आपकी आंखों में दबाव पड़ता है।
3. रंगों में अंतर- अगर आपको अचानक हर रंग फीका दिखाई देने लगा है, तो आपको समझने की जरूरत है कि आपकी आंखों की सेहत सही नहीं है। गहरे चटक रंगों का भी आपको फीका दिखाई देना ग्लूकोमा होने की संभावना को तेज करता है।
4. चश्मे का नंबर बदलना- अगर आपको बार-बार आंखों की जांच करवानी पड़ती हैं और चश्मा बदलना पड़ता है तो यह भी सही लक्षण नहीं है। आंखों का नंबर बढ़ना ग्लूकोमा होने का लक्षण होता है।
5. साइड विजन में प्रॉब्लम- अगर आपको अपनी आंखों से चारों दिशाओं को एक समान तरीके से देखने में दिक्कत हो रही है, तो यह भी सीधा-सीधा संकेत है कि आपकी आंखों की रोशनी कम हो रही है या आपको ग्लूकोमा है।
कैसे करें बचाव?
आंखों की इस बीमारी का जोखिम हाई बीपी और डायबिटीज रोगियों को सबसे ज्यादा होता है। इसलिए, डॉक्टर अमीन कहती हैं कि अपनी आंखों की सेहत को लेकर लापरवाही करने से बचें और कोई भी लक्षण दिखने पर तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करें।
Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। Fact Recorder की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।
