Wed, 29 Jan 2025: Fact Recorder
विटामिन-डी सेहत के लिए एक बेहद जरूरी विटामिन है। इसकी कमी (Vitamin D deficiency) आपकी सेहत पर कहर ढा सकती है। इसलिए जरूरी है कि आप इसकी कमी से बचें। विटामिन-डी का सबसे अच्छा सोर्स धूप है। इसलिए रोजाना कुछ देर धूप में बैठना विटामिन-डी की कमी से बचने का अच्छा तरीका हो सकता है। आइए जानें विटामिन-डी की कमी पूरी करने के लिए कितनी देर धूप में बैठें।
- विटामिन-डी की कमी से हड्डियां कमजोर होने लगती है।
- इसकी कमी की वजह से सेहत से जुड़ी और भी परेशानियां हो सकती हैं।
- धूप विटामिन-डी का सबसे अच्छा नेचुरल सोर्स है।
विटामिन-डी, जिसे अक्सर ‘सूरज का विटामिन’ या ‘सनशाइन विटामिन’ भी कहा जाता है, हमारे शरीर के लिए बेहद जरूरी है। यह हड्डियों को मजबूत बनाने, इम्युनिटी को बढ़ावा देने और कई अन्य शारीरिक फंक्शन के लिए जरूरी है।
धूप ही विटामिन-डी का सबसे बेहतर नेचुरल सोर्स है (Sunlight For Vitamin D), लेकिन सवाल उठता है कि विटामिन-डी की कमी पूरी करने के लिए हमें कितनी देर धूप में बैठना चाहिए (best time for sun exposure)? आइए जानते हैं इस सवाल का जवाब।
विटामिन-डी क्यों है जरूरी?
- हड्डियों का स्वास्थ्य- विटामिन-डी कैल्शियम को अब्जॉर्ब करने में मदद करता है, जो हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाता है। इसकी कमी से ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियां हो सकती हैं।
- इम्यून सिस्टम- विटामिन-डी इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाकर हमें इन्फेक्शन से बचाता है।
- मेंटल हेल्थ- विटामिन-डी की कमी से डिप्रेशन और मूड स्विंग्स जैसी परेशानियां हो सकती हैं।
- दिल का स्वास्थ्य- विटामिन-डी ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने और हार्ट अटैक के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है।
- थॉयरॉइड हेल्थ- विटामिन-डी की कमी की वजह से थायरॉइड ग्लैंड ठीक से काम नहीं कर पाता और थायरॉइड डिसऑर्डर हो सकते हैं।
धूप है विटामिन-डी के लिए जरूरी
जब हमारी त्वचा सूरज की अल्ट्रावायलेट किरणों के संपर्क में आती है, तो शरीर कोलेस्ट्रॉल को विटामिन-डी में बदलना शुरू कर देता है। यह विटामिन-डी फिर लिवर और किडनी में एक्टिव हो जाता है।
कितनी देर धूप में बैठना चाहिए?
इस सवाल का कोई एक जवाब नहीं है, क्योंकि विटामिन-डी का उत्पादन कई फैक्टर्स पर निर्भर करता है, जैसे-
- त्वचा का रंग- गहरे रंग की त्वचा वाले लोगों को विटामिन-डी बनाने के लिए ज्यादा समय तक धूप में रहने की जरूरत होती है।
- जगह- भूमध्य रेखा के पास रहने वाले लोगों को विटामिन-डी हासिल करने के लिए कम समय की जरूरत होती है।
- मौसम- सर्दियों में सूर्य की किरणें टेढ़ी पड़ती हैं, इसलिए विटामिन डी का उत्पादन कम होता है|
- उम्र- बढ़ती उम्र के साथ विटामिन-डी का उत्पादन कम होता जाता है।
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