दिल्ली बम धमाका: पाकिस्तान के बाद अब बांग्लादेश कनेक्शन का खुलासा, ढाका में हुई थी हमले की साजिश

दिल्ली बम धमाका: पाकिस्तान के बाद अब बांग्लादेश कनेक्शन का खुलासा, ढाका में हुई थी हमले की साजिश

17 नवंबर, 2025 फैक्ट रिकॉर्डर

National Desk:  दिल्ली के लाल किला क्षेत्र में हुए बम धमाके की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। पाकिस्तान के बाद अब इस हमले में बांग्लादेश का कनेक्शन भी सामने आया है। सूत्रों के अनुसार धमाके से पहले ढाका में गुप्त बैठक हुई थी, जिसमें पाकिस्तान आधारित लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर सैफुल्लाह सैफ ने हिस्सा लिया। इस बैठक में हिज्ब-उल-तहरीर और प्रतिबंधित अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (ABT) के सदस्य, एक विस्फोटक विशेषज्ञ और दो बांग्लादेशी सरकारी अधिकारी शामिल थे। इसी बैठक में भारत में हमलों की योजना तैयार की गई थी।

सूत्रों का दावा है कि बैठक के बाद एक टीम नवंबर की शुरुआत में पश्चिम बंगाल के रास्ते भारत में घुसी और ABT सदस्यों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले एक ठिकाने पर रुकी। जांच एजेंसियां यह सत्यापित कर रही हैं कि क्या पाकिस्तान से विस्फोटक सामग्री दिल्ली-एनसीआर तक भेजी गई थी।

अक्तूबर के अंतिम सप्ताह में ढाका में हुई इस बैठक में सैफुल्लाह सैफ के साथ जुबैर अहमद (हिज्ब-उल-तहरीर का ढाका प्रमुख), इब्तिसाम इलाही जहीर (मरकजी जमीयत-अहल-ए-हदीस का महासचिव), हाफिज शुजादुल्लाह और हाफिज अली फजुल (ABT से जुड़े आतंकवादी) समेत कई लोग मौजूद थे। इस बैठक और दिल्ली धमाके के बीच संबंधों की गहन जांच की जा रही है।

इसी बीच पाकिस्तान में एक रैली से सैफुल्लाह सैफ का एक वीडियो सामने आने के बाद भारतीय सुरक्षा एजेंसियां खास सतर्क हो गई हैं। वीडियो में सैफ दावा कर रहा है कि लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य बांग्लादेश में सक्रिय हैं और भारत में हमले की तैयारी कर रहे हैं।

जांच में वित्तीय लेन-देन का भी बड़ा सुराग मिला है। तीन आरोपियों—डॉ. उमर नबी, डॉ. मुजम्मिल और डॉ. शाहीन—से जुड़े 20 लाख रुपये के हवाला ट्रेल का पता चला है। बताया जा रहा है कि यह रकम जैश-ए-मोहम्मद के एक हैंडलर ने भेजी थी। इसी धनराशि में से कुछ हिस्सा विस्फोटक सामग्री खरीदने में खर्च हुआ।

जांच से यह भी सामने आया कि पैसों के लेन-देन को लेकर डॉ. उमर और डॉ. शाहीन के बीच विवाद हुआ था। वहीं डॉ. मुजम्मिल ने भी पूछताछ में इस तनाव का जिक्र किया। जांच एजेंसियों ने आरोपियों के बैंक विवरण, मोबाइल कॉल रिकॉर्ड और डिजिटल ग्रुप चैट्स की विस्तृत जांच शुरू कर दी है। 9 नवंबर को गिरफ्तारियों के बाद कई लोगों ने संबंधित व्हाट्सऐप और टेलीग्राम ग्रुप छोड़ दिए थे, जिनकी अब पहचान और पड़ताल की जा रही है।

लाल किला धमाका मामले में एनआईए, दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा और स्पेशल सेल मिलकर गहराई से जांच कर रही हैं।